जबलपुर। फर्जी दस्तावेजों के साथ पकड़े गए नाइजीरियन युवक की रिहाई के बाद अब उसे वापस उसके वतन भेजने के लिए जबलपुर पुलिस को मशक्कत करनी पड़ रही है। नाइजीरियन युवक की रिहाई के लिए पुलिस ने दूतावास से मांगी है। फर्जी वीजा के चलते चार साल तक जेल की हवा खाने वाले नाइजीरियन युवक को 12 मई को सेंट्रल जेल से रिहा किया गया था। तब से लेकर अब तक उसकी वतन वापसी के लिए जरूरी दस्तावेज तैयार नहीं हो पाए हैं। युवक का पासपोर्ट हाई कोर्ट के पास जब्त है। 

नाइजीरिया निवासी जॉनसन ऊनू 2014 में अपनी नाक के इलाज के लिए भारत आया था। जॉनसन मेडिकल टूरिज्म वीजा लेकर आया था। मुंबई में नाइजीरिया के ही कुछ लोगों से उसकी दोस्ती हो गई, जिसके बाद वह यहां पर दवा के कारोबार में लग गया। युवक ने देखा कि भारत में नाइजीरिया के मुकाबले दवा काफी सस्ती दरों में उपलब्ध है। इसलिए वह भारत से नाइजीरिया में दवाओं का निर्यात करने लगा। 

इधर भारत में उसकी वीजा की अवधि समाप्त हो चुकी थी। लेकिन भारत में उसका इतना मन लगा गया था कि उसने भारत में रहना ज्यादा मुनासिब समझा। उसने वीजा की अवधि को बढ़वाने के लिए एक दलाल से संपर्क किया। 2017 में वह अपने किसी दोस्त से मिलने के लिए कटनी गया था। वहां से मुंबई लौटने के लिए जब वह जबलपुर एयरपोर्ट पर पहुंचा तब वह दस्तावेजों की चेकिंग के दौरान धरा गया। 

नाइजीरियन युवक को चार सालों की सजा हो गई। उसकी रिहाई को दो महीने होने को आए हैं। रिहाई के बाद से ही उसे डिटेंशन सेंटर में रखा गया है। जहां उसकी सुरक्षा और खाने पीने में प्रति महीने दो लाख रुपए खर्च हो रहे हैं। ऐसे में पुलिस उसे उसके वतन भेजने की जद्दोजहद कर रही है।