भोपाल। किसान दिवस के अवसर पर प्रदेश की राजधानी भोपाल में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले किसानों को भोपाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। तीन किसान नेताओं को भोपाल पुलिस ने कल रात में ही अपनी हिरासत में ले लिया था। जबकि कुछ किसान नेताओं को पुलिस ने आज भोपाल की सीमा पर ही रोक दिया। किसानों के प्रदर्शन स्थल नीलम पार्क को भी पुलिस ने बंद कर दिया।  

दरअसल आज भोपाल के नीलम पार्क में कृषि कानूनों के विरुद्ध आंदोलन करने प्रदेश भर के किसान जुटने वाले थे। लेकिन इनके आंदोलन को बेअसर करने के लिए तीन किसान नेताओं, विजय कुमार, बाबू सिंह और इरफ़ान जाफरी को भानपुर पुलिस ने कल रात को ही हिरासत में ले लिया। इसके साथ ही पुलिस ने बुधवार सुबह सुबह भोपाल की सीमा पर कुछ अन्य किसान नेताओं को भी रोक दिया। 

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हालांकि फिर भी कुछ किसान जैसे तैसे अपने प्रदर्शन स्थल नीलम पार्क पहुँच गए। शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने आ रहे किसान नेताओं को पुलिस ने नीलम पार्क में घुसने नहीं दिया। पुलिस द्वारा रोके जाने पर जब किसानों ने सड़क पर नारेबाजी करनी शुरु की तो पुलिस उन्हें अपनी हिरासत में लेकर चली गई। किसान नेता केदार शंकर सिरोही ने बताया कि भोपाल पुलिस जिन किसानों को गिरफ्तार कर ले जा रही थी, उन्हें पुलिस ने कुछ दूर जाने के बाद छोड़ दिया। हालांकि कल रात गिरफ्तार किए संयुक्त किसान मोर्चा के तीनों किसान नेताओं को पुलिस ने अभी तक अपनी हिरासत में रखा हुआ है। 

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उधर कांग्रेस पार्टी भी अपनी स्थापना दिवस के अवसर पर किसानों के समर्थन में मध्यप्रदेश विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करने की योजना बना रही है। 28 दिसंबर को ही विधानसभा के शीतकालीन सत्र भी शुरू हो रहा है। उस दिन कांग्रेस के विधायक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के नेतृत्व में ट्रैक्टर पर सवार होकर विधानसभा जाएंगे। उस दिन प्रदेश भर से किसानों के भी आने की संभावना जताई जा रही है। लेकिन दूसरी तरफ कांग्रेस के इस आंदोलन को बेअसर करने के लिए भोपाल कलेक्टर ने विधानसभा के पास धारा 144 लागू करने का फैसला किया है। लिहाज़ा शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रदेश की सियासत में हंगामा मचने की पूरी संभावना है।