पृथ्वीपुर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नॉनस्टॉप घोषणाओं के लिए जाने जाते हैं। माना जाता है कि सीएम शिवराज जहां जाते हैं दो-चार घोषणाएं कर के ही आते हैं, भले ही बाद में उनपर काम हो या न हो। हालांकि, उपचुनाव प्रचार के दौरान सीएम कोई घोषणा नहीं कर पा रहे हैं। इसकी वजह चुनाव आचार संहिता है। पृथ्वीपुर में तो सीएम का घोषणा न कर पाने का दर्द भी छलक पड़ा।



दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार को पृथ्वीपुर में बीजेपी उम्मीदवार शिशुपाल सिंह के समर्थन में रैली करने पहुंचे थे। क्षेत्र में चुनाव आचार संहिता लगे होने के कारण रैली के दौरान सीएम कोई घोषणा नहीं कर सकते थे, जिस कारण वे थोड़ा असहज दिखे। इस दौरान उनका दर्द भी छलक पड़ा जब वे कहने लगे कि भले ही अभी मैं यहां कोई घोषणा नहीं कर सकता, लेकिन आपकी मांगें पूरी करने की गारंटी लेता हूं। 





सीएम शिवराज ने यहां अपनी सरकार की पीठ थपथपाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा, 'मुझे पता चला कि गरीबों की आजीविका के साधन तालाबों पर दबंग कब्जा जमाए हुए हैं। अब किसी की भी दबंगई नहीं चलेगी। असामाजिक तत्व को हटाने की कार्रवाई होगी। एक ही घर में परिवार के कई सदस्य रहने से जीवन यापन में मुश्किल होती है, तो मैंने मुख्यमंत्री भू अधिकार योजना बना दी। आप को जमीन का पट्टा देकर अपनी छत दी जाएगी। कोई भी बिना मकान के नहीं रहेगा।'



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मुख्यमंत्री ने इस दौरान पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार पर खूब आरोप लगाया। सीएम शिवराज ने कहा, 'गरीब परिवार के बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए 8 लाख तक की फीस हो, बीजेपी सरकार उसे भरती थी, जिसे कमलनाथ जी ने आते ही बंद कर दिया। कमलनाथ बताएं कि उन्होंने गरीब बच्चों की पढ़ाई में बाधा क्यों डाली। हमने तय किया कि गर्भवती बहनों को पहले 4 हजार और फिर 12 हजार दिये जायेंगे, ताकि हमारी गरीब बहनें भी पोषण आहार ले सकें। कमलनाथ जी ने बहनों के लड्डू के पैसे भी छीन लिए।'