सीहोर। मध्य प्रदेश के सीहोर में में पिछले कई दिनों से लगातार हो रही तेज बारिश और खेतों में पानी का जमाव किसानों के लिए बड़ी चिंता का कारण बन गया है। सोयाबीन की फसल, जो अब पूरी तरह से पक चुकी थी, जलभराव के कारण सड़ने लगी है। ऐसी स्थिति के चलते किसानों के आर्थिक नुकसान के खतरे को काफी बढ़ा दिया है। कई किसान लगातार प्रशासन से फसल सर्वे और बीमा राशि की मांग कर रहे हैं, ताकि वे अपने नुकसान की भरपाई कर सकें।
कुंलास खुर्द, कुंलास कला और बमुलिया के दर्जनों किसानों ने अपनी परेशानी सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज कराई है। उनका कहना है कि ना केवल पिछले सालों की खराब फसल का बीमा सुनिश्चित किया जाए, बल्कि इस साल की फसलों का भी तुरंत सर्वे कर नुकसान का आकलन किया जाए।
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किसान नेता एम.एस. मेवाड़ा के अनुसार, 15 दिन पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को जिलाधिकारी के माध्यम से संबंधित मामले पर ज्ञापन सौंपा था। इसके अलावा, किसानों ने जनसुनवाई में भी शिकायतें दर्ज कराईं और डाक के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को पत्र भी भेजे थे।
एम.एस. मेवाड़ा ने आगे बताया कि मुख्यमंत्री ने पहले ही सभी कलेक्टरों को फसल सर्वे कराने का आदेश दिया था, और केंद्रीय कृषि मंत्री ने सीहोर कलेक्टर को बीमा राशि दिलाने के निर्देश भी दिए थे। लेकिन इसके बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। किसानों में पीयूष वर्मा, राहुल, सुनील, कांता प्रसाद, श्यामलाल, श्रीपाल, पप्पू, धर्मेंद्र, गब्बर, विनोद, हिरदेश, सुंदरलाल, महेश, मनीष, देवकरण, हरि सिंह, शेर सिंह और रूप सिंह समेत दर्जनों किसानों ने अपनी समस्याओं को सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से प्रशासन तक पहुंचाया है।