भोपाल। शिवराज सरकार से दो मंत्रियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। कांग्रेस से बीजेपी में आए सिंधिया समर्थक तुलसीराम सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत को मंत्री बने 6 महीने पूरे हो गए थे। इस्तीफा देने वाले दोनों ही मंत्री विधानसभा के सदस्य नहीं थे। नियमानुसार कोई भी व्यक्ति जो विधायक नहीं है, वो 6 महीने तक ही मंत्री पद संभाल सकता है।  

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद 21 अप्रैल को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 5 मंत्रियों को अपने मंत्रिमडल में जगह दी थी। जिसमें सिंधिया समर्थक दो नेताओं सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत को मंत्री बनाया गया था। 21 अक्टूबर को मंत्री के तौर पर उनके 6 महीने पूरे हो गए। संविधान के अनुच्छेद 164 के अनुसार ऐसे गैर विधायकों को 6 महीने के भीतर चुनाव जीतकर सदन का सदस्य बनना होता है। चूंकि चुनाव इनके मंत्री बनने के 6 महीने के भीतर नहीं हो सके, ऐसे में अनिवार्य रूप से इन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ गया।  

तुलसीराम सिलावट शिवराज सरकार में जल संसाधन मंत्री तो गोविन्द सिंह राजपूत परिवहन एवं राजस्व मंत्री का कार्यभार संभाल रहे थे। तुलसीराम सिलावट सांवेर से बीजेपी के टिकट से चुनावी मैदान में हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू से होना है। वहीं गोविन्द सिंह राजपूत का मुकाबला सुरखी से पूर्व बीजेपी विधायक पारुल साहू से होगा।