भोपाल। राजधानी भोपाल के ग्रामीण क्षेत्रों में चिकनपॉक्स के तीन मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग में सनसनी मच गई। भोपाल के हुजूर विधानसभा क्षेत्र में रातीबड़ के नजदीक ग्राम मेंडोरा और ग्राम बरखेड़ानाथू में चिकन पॉक्स के मरीज मिले हैं जिसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम आस पास के घरों के निरीक्षण में जुटी है। ग्राम मेंडोरा के जैन बस्ती में 12 वर्षीय बच्ची चिकनपॉक्स से संक्रमित मिली वही कुछ दिनों पहले उसका 9 वर्षीय भाई संक्रमित हुआ था, इसके अलावा ग्राम बरखेड़ानाथू में एक 24 वर्षीय युवक भी चिकनपॉक्स से संक्रमित हुआ है।                                     यह भी पढ़ें...सीहोर जिले के श्यामपुर थाने में पदस्थ उप निरीक्षक को लोकायुक्त ने 25 हजार रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा
आइए जानते हैं चिकन पॉक्स यानी चेचक, छोटी माता के बारे में।
चिकन पॉक्स जिसे हम चेचक या आम बोलचाल की भाषा में छोटी माता के नाम से जाना जाता है और आयुर्वेद में इसे लघु मसुरिका कहा गया है। चिकन पॉक्स एक वायरल संक्रमण और वायरस जनित रोग हैं जो कि वैरिसेला जोस्टर नामक वायरस से फैलता है और सामान्यतः व्यस्कों की तुलना में बच्चों को अधिक प्रभावित करता है। चिकनपॉक्स साफ सफाई की कमी की वजह से फैलता है, इसमें पूरे शरीर पर चकते, लाल दाने उभर आते हैं। दाने निकलने पर शरीर में खुजली और दानों से पानी भी निकलने लगता है। कमर में तेज दर्द, सीने में जकड़न, बुखार आना, सिर दर्द होना और हमेशा थकान बने रहना आम लक्षण है। चिकन पॉक्स एक संक्रामक रोग हैं इसलिए यह पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से, पीड़ित के छींकने या खांसने से, पीड़ित के फफोले से निकलने वाले पदार्थ के संपर्क में आने से भी फैलता है। चिकन पॉक्स का सही समय पर उपचार नहीं होने पर त्वचा संबंधी संक्रमण के अलावा निमोनिया, दिमागी बुखार और मौत भी हो सकती है।
घरेलू उपचार में नीम की पत्तियों को बिस्तर के पास रखना चाहिए और नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर नहाने से भी आराम मिलता है। चिकनपॉक्स को ठीक होने में लगभग 15 दिन का समय लगता है। चिकनपॉक्स का खतरा शिशुओं, किशोरों, वयस्कों, गर्भवती महिलाओं में अधिक होता है। बच्चों को 12-15 महिनों की उम्र में चिकन पॉक्स का टीका भी लगाया जाता है।