भोपाल। मध्य प्रदेश में दलबदल का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है। दो साल पहले बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री सरताज सिंह ने एक बार फिर से बीजेपी का दामन थाम लिया है। अटल बिहारी वाजपेयी की 13 दिनों की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे सरताज सिंह ने किसान सम्मेलन के दौरान सीएम शिवराज की मौजूदगी में बीजेपी में घर वापसी की है। बीजेपी ने सरताज सिंह की उम्र 75 साल हो जाने के कारण टिकट नहीं दिया था, जिसके बाद उन्होंने साल 2018 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था। 

माना जा रहा है कि उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के कहने पर बीजेपी जॉइन की है। बीते गुरुवार को ही उन्होंने एक बयान में कहा था कि वह सिंधिया के साथ बीजेपी में जाने वाले हैं। सरताज सिंह तीन दिन पहले राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया से भोपाल प्रवास के दौरान मिल चुके हैं। सरताज सिंह अपने समर्थकों के साथ सिंधिया का स्वागत करने पहुंचे थे। सिंधिया के काफिले के साथ ही सरताज सिंह सीएम हाउस भी गए थे, जहां उनकी घर वापसी का खाका मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और सिंधिया के साथ हुई बैठक में तय हो गया था। 

सरताज सिंह का सियासी सफर

मध्य प्रदेश में बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में शामिल सरताज सिंह का राज्य में पार्टी का संगठन खड़ा करने में बड़ा योगदान रहा है। वह साल 1989 से 1999 तक होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र से लगातार चार बार सांसद रहे। 1999 में उन्होंने लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा। 2004 में वे फिर लोकसभा सांसद चुने गए।

वाजपेयी की 13 दिन की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे

भारत-पाकिस्तान के विभाजन के बाद सरताज सिंह का परिवार इटारसी आकर बस गया था। साल 1960 में उन्होंने दिल्ली विश्व विद्यालय से ग्रेजुएशन किया था। इसके बाद वे विष्णु कामथ के संपर्क में आए और उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा। करीब दस साल बाद सरताज सिंह इटारसी नगर पालिका के कार्यवाहक नगर पालिका अध्यक्ष बने। वे अटल बिहारी वाजपेयी की 13 दिन की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे और 2009 से 2016 तक मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार में पीडब्ल्यूडी और वन मंत्री रहे।

उम्र के कारण देना पड़ा था इस्तीफा

साल 2008 में सरताज सिंह ने कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली सिवनी मालवा सीट से विधानसभा उपाध्यक्ष हजारी लाल रघुवंशी को हराकर सभी को चौंका दिया था। इसके बाद उन्हें बीजेपी की शिवराज सरकार में मंत्री भी बनाया गया। साल 2013 में वे फिर से जीतकर आए और मंत्री बने, लेकिन 2016 में उन्हें 75 साल की उम्र हो जाने के नाम पर इस्तीफा ले लिया गया। इसके बाद वे लगातार पार्टी और नेतृत्व के खिलाफ नाराजगी भरे बयान देते रहे।

जब फूट-फूटकर रोने लगे थे सरताज

विधानसभा चुनाव से पहले अमित शाह ने भोपाल दौरे के दौरान मंत्री पद के लिए 75 साल का फॉर्मूला नहीं होने की बात कही थी। इसके बाद सरताज फिर मुखर हुए और सिवनी मालवा से चुनाव की तैयारी में जुट गए। हालांकि लाख कोशिशों के बाद भी उन्हें बीजेपी ने टिकट नहीं दिया। बीजेपी से टिकट न मिलने के बाद वह फूट-फूटकर रोने लगे थे। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया था। हालांकि, इस दौरान वह चुनाव जीतने में सफल नहीं हो पाए थे।