भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया शनिवार को इंदौर के सांवेर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे। उनके कार्यक्रम में भीड़ जुटाने के लिए 600 बसों को अधिगृहित किया गया। इन बसों में पेट्रोल-डीजल भरने के लिए कलेक्टर कार्यालय खाद्य विभाग जिला इंदौर से एक आदेश जारी किया गया।



इस आदेश के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर सरकारी पैसे के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि इंदौर के सांवेर क्षेत्र में जनता के पैसे से राजनैतिक रैलियां की जा रही हैं। अगर किसी सरकारी कार्यक्रम में बीजेपी को जिताने के नारे लगाए जा रहे हैं। विपक्षी पार्टी कांग्रेस की निंदा हो रही है। वह सरकारी कार्यक्रम नहीं है। अगर बीजेपी को अपना प्रचार करना है, तो इसके लिए बीजेपी पार्टी फंड से भुगतान किया जाए, बसों के खर्च का भुगतान सरकारी पैसे से करवाया जाए।  





राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने एक ट्वीट करते हुए आरोप लगाया है कि इंदौर में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में आने वाली बसों का डीजल खाद्य विभाग भरवा रहा है। इसके लिए बाकायदा शासकीय आदेश निकालकर पेट्रोल पंपों को आदेश दिया गया है। कांग्रेस नेता ने सवाल किया है कि इसका भुगतान कौन करेगा! कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर शासकीय तंत्र का घोर दुरूपयोग करने का आरोप लगाया है। उन्होंने निर्वाचन आयोग और प्रदेश के मुख्य सचिव से कार्यवाही की अपेक्षा की है।



विवेक तन्खा ने एक पत्र मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को लिखा है। उन्होंने कहा है कि इंदौर के दोषी अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई कर प्रशासन की निष्पक्षता दर्शाएं। विवेक तन्खा ने लिखा है कि जल्द ही आदर्श आचार संहिता लागू होने जा रही ऐसे में बसों को अधिगृहित कर उन्हे 8-10 हजार रुपए और डीजल देने का आदेश अधिकारियों को दिया गया है। कोरोना काल में बसों का परिवहन बंद होने से बस संचालक पहले से ही परेशानी में हैं, उनसे रोड टैक्स वसूला गया है। अब चुनावी सभा के लिए बसों का अधिग्रहण किया जा रह है। उन्होंने मुख्य सचिव से मांग की है कि एक निष्पक्ष प्रशासक की भूमिका निभाएं और सरकार की फिजूलखर्ची पर रोक लगाएं।





उन्होने लिखा है कि जल्द ही आदर्श आचार संहिता लागू होने जा रही है, ऐसे में प्रशासनिक तंत्र का दुरुपयोग करते हुए बीजेपी द्वारा जबरन वसूली कर ऐसी सभाओं का आयोजन कई सवाल खड़े करता है, और कलेक्टर कार्यालय जिलाधीश (खाद्य) जिला इंदौर द्वारा जारी ऐसे आदेश प्रदेश की स्वस्थ्य प्रशासनिक कार्यप्रणाली के विरुद्ध है। उन्होने सरकारी खर्चे पर चुनावी सभा में लगाम लगाने की मांग की है।