भोपाल। कांग्रेस नेता व राज्यसभा संसद विवेक तन्खा ने कहा है कि कोरोना काल में देश की संसद व विधानसभा का सत्र टालना असंवैधानिक है। तन्खा ने कहा है कि संसद और विधानसभा का सत्र टाला जाना पूर्ण रूप से संविधान की मुखालिफत करता है। तन्खा ने कहा है कि संविधान में वर्णित अनुच्छेद 85 और 174 के मुताबिक़ संसद के दो सत्रों के बीच 6 महीने से ज़्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए। ऐसे में संसद और विधानसभा सत्र को स्थगित किया जाना संवैधानिक तौर पर सही नहीं है। 

अमेरिका में चल रहा है संसद सत्र 
तन्खा ने ट्विटर पर अपना एक वीडियो संदेश साझा करते हुए कहा है कि संविधान के इस नियम को छूट देश की कार्यपालिका को भी नहीं है। वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा का कहना है कि राजनीतिक दल आपसी सहमति के बाद भी संसद और विधानसभा के सत्र को नहीं टाल सकते। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि जब कोरोना महामारी से सबसे ज़्यादा प्रभावित देश अमेरिका में संसद सत्र चल सकता है तो भारत में क्यों नहीं ?

कार्यपालिका पर अंकुश रखने के लिए जरूरी है संसद सत्र
तन्खा ने अपने वीडियो संदेश में द्वितीय विश्व युद्ध का ज़िक्र करते हुए बताया है कि युद्ध के दौरान जब ब्रिटेन में बमबारी हो रही थी। उस समय भी ब्रिटेन की संसद चल रही थी। तन्खा ने कहा कि किसी भी प्रकार की विषम परिस्थिति में संसद के सत्र को नहीं रोका जा सकता।सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि कार्यपालिका पर अंकुश लगाए रखने के लिए संसद और विधानसभा का सत्र होना बेहद जरूरी है होता है। तन्खा ने कहा कि भारत में भी संसद का एक्चुअल नहीं तो वर्चुअल सत्र शुरू करना चाहिए।