पुणे। गुरुवार दोपहर पुणे के हडपसर स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के नए प्लांट में आग लगने से 5 लोगों की मौत हो गई। 5 लोगों की मौत की पुष्टि सीईओ अदार पूनावाला ने की है। आग इतनी बड़ी थी कि दमकल की गाड़ियों को काबू पाने में दो घंटे से भी ज्यादा का समय लग गया। यग आग इंस्टीट्यूट के मंजरी कॉम्पलेक्स में लगी थी। सीरम इंस्टीट्यूट ने हादसे में मरनेवालों के परिजनों को 25 लाख का मुआवज़ा देने का एलान किया है।





महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सीरम इंस्टीट्यूट में हुए इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। सीरम इंस्टीट्यूट के टर्मिनल गेट नंबर एक में चौथी और पांचवीं मंजिल पर यह आग लगी थी।



यह सीरम इंस्टीट्यूट का नया प्लांट है, पांच मंजिला प्लांट 300 करोड़ की लागत से बनाया गया था। इस प्लांट का उद्घाटन पिछले साल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने किया था। अभी यहां कोरोना वैक्सीन का उत्पादन नहीं शुरू हुआ था। यहां टीबी से बचाव के लिए लगने वाला BCG के टीके निर्माण होता था। जल्द ही यहां कोरोना वैक्सीन का निर्माण शुरू होने वाला था। जिस बिल्डिंग में आग लगी थी वहां काम चल रहा था। आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है।



सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया का कैंपस करीब 100 एकड़ में फैला है। यह दुनिया का सबसे बड़ी दवा बनानेवाली कंपनी है। यहां के जिस कॉम्‍पलेक्‍स में आग लगी थी, वहां कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था। फिलहाल कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड का प्रोडक्शन सीरम इंस्टीट्यूट के इस हिस्से से कुछ किलोमीटर दूरी पर स्थित पुराने प्लांट में हो रहा था। पुराना प्लांट 1996 में तैयार हुआ था। कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन की बड़ी मात्रा देशभर में यहीं से भेजी गई थी। देश में कोरोना वैक्सीनेशन का काम 16 जनवरी से शुरु हो चुका है।