कोयंबटूर। इंडियन फैशन इंडस्ट्री में नया युग लाने वाले फेमस फैशन डिजाइनर सत्या पॉल का बुधवार को निधन हो गया। उन्होंने तमिलनाडु के कोयंबटूर में ईशा योग सेंटर में आखिरी सांस ली। वे 79 साल के थे। उनके निधन की पुष्टि उनके बेटे पुनीत नंदा ने की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया है कि दिसंबर में उनके पिता को ब्रेन स्ट्रोक आया था। तब से वे अस्पताल में थे। लेकिन उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनके शरीर से सुइयां और मेडिकल उपकरण हटा लिए जाएं। उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए उन्हें सदगुरू जग्गी वासुदेव के आश्रम में लाया गया था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।



ईशा फाउंडेशन के संस्थापक और अपने शिष्यों के बीच सदगुरु कहे जाने वाले जग्गी वासुदेव ने सत्या पॉल के निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर सत्या पॉल को बेहद जोशीला और अथक भागीदारी के साथ जीवन जीने का एक शानदार उदाहरण बताया है।





6 फरवरी 1942 को जन्मे सत्या पॉल ने 60 के दशक में बिजनेस से अपने करियर की शुरूआत की। भारत की खादी और कपड़ों को विदेशों तक पहुंचाया। उन्होंने यूरोप और अमेरिका में इंडियन हैंडीक्राफ्ट के एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने में अहम योगदान दिया। उनकी डिजाइन की हुई साड़ियां, ड्रेसेज, पर्स, टाई, बैग्स में भारतीय संस्कृति और कला की झलक नज़र आती थी। उनकी डिजाइन की गई साड़ियों में शोख रंगों का काफी इस्तेमाल मिलता है। 



अस्सी के दशक में उन्होंने भारत में पहली बार साड़ी बुटीक की शुरुआत की थी। बाद में उन्होंने अपने बेटे के साथ मिलकर 1986 से अपना फैशन ब्रांड स्थापित किया। उनके निधन पर देश दुनिया के लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं, फैशन इंडस्ट्री में उनके योगदान को याद कर रहे हैं।