दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते इस साल भी अमरनाथ यात्रा रद्द कर दी गई है। यह यात्रा 28 जून से 22 अगस्त तक आयोजित होने वाली थी। 53 दिनों तक चलने वाली यह अमरनाथ यात्रा पहलगाम और बालटाल के रास्ते होने वाली थी। अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से जारी बयान में इस यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया गया है। 



अमरनाथ तीर्थयात्रा केवल प्रतीकात्मक तौर पर होगी। इस दौरान पवित्र गुफा में सभी पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठान हर साल की तरह ही होंगे। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने साफ तौर पर कहा है कि लोगों की जान बचाना पहली प्राथमिकता है। यात्रा रद्द करने को लेकर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और अमनाथ श्राइन बोर्ड के सदस्यों के बीच गहन चर्चा हुई थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है।





 



यात्रा रद्द होने के बारे में अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के सीईओ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी नीतीश्वर कुमार ने जानकारी दी है कि छड़ी मुबारक 22 अगस्त को बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा में पहुंचेगी। रक्षा बंधन के दिन यात्रा का समापन होगा।



अमरनाथ यात्रा करने की आस लगाए बैठे लाखों श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की गई है। जिससे भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन कर घर बैठे कर सकेंगे। अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से श्रद्धालुओं के लिए सुबह और शाम बाबा बर्फानी की आरती के लाइव दर्शन की व्यवस्था की जा रही है। 



 हर साल की तरह इस बार भी अमरनाथ यात्रा के लिए श्राइन बोर्ड ने खास तैयारियां की थीं। इस साल करीब 6 लाख श्रद्धालुओं के पहुचने के उम्मीद की जा रही थी। यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी किया जा रहा था, लेकिन कोरोना की तीसरी लहर की आशंका की वजह यात्रा रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया गया था और अब यात्रा रद्द करने की घोषणा कर दी गई है।