मुंबई। रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। इसी के साथ अर्णब ने महाराष्ट्र में अलीबाग पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग भी की है। दरअसल पुलिस ने अर्णब गोस्वामी समेत तीन लोगों को मुंबई के एक इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तारी के बाद अर्णब को अलीबाग के मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया,जिसने अर्णब समेत तीनों आरोपियों को 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हालांकि पुलिस कस्टडी दिए जाने की मांग को कोर्ट ने नकार दिया। गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर याचिका में अर्णब गोस्वामी ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए तुरंत रिहा किए जाने की मांग की है। याचिका में उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग भी की है। जस्टिस एस एस शिंदे और एम एस कार्णिक की पीठ गुरुवार को इस याचिका पर सुनवाई करेगी।

अर्णब ने अपनी याचिका में कहा है कि पुलिस टीम ने उनपर हमला किया है और उन्हें एक झूठे केस में फंसाया जा रहा है। गौरतलब है कि जिस मामले में अर्णब समेत तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है वो मई 2018 का मामला है। उस वक्त 53 साल के इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाईक ने आत्महत्या कर ली थी और आपने सुसाइड नोट में अर्णब गोस्वामी समेत तीन लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था।