राजस्थान में जारी राजनीतिक उठापठक को लेकर मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी “इंतजार करो और देखो” की मुद्रा में है। बताया जा रहा है कि अगली कार्रवाई की योजना पर निर्णय लेने से पहले बीजेपी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शक्ति प्रदर्शन के परिणाम का इंतजार करेगी। गहलोत ने  कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई है जिसमें इस बात के स्पष्ट संकेत मिलने की उम्मीद है कि गहलोत और पायलट को कितने विधायकों का समर्थन प्राप्त है।



इधर राजस्थान कांग्रेस प्रमुख अविनाश पांडे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया है कि सरकार को समर्थन में 109 विधायकों के हस्ताक्षर प्राप्त हुए हैं, वहीं कुछ और विधायकों ने अपनी प्रतिबद्धता जताई है। अविनाश पांडे ने विधायक दल की बैठक के लिए व्हिप जारी करने की भी बात कही है और कहा है कि किसी भी विधायक के सूचना दिए बगैर बैठक में ना आने पर उसके ऊपर कार्रवाई की जाएगी।  





माना जा रहा है कि राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष पायलट बीजेपी के कुछ नेताओं के संपर्क में हैं लेकिन न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बीजेपी सूत्रों ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया है कि उसकी पायलट से कोई बात हुई है या नहीं। सूत्रों के हवाले से ही पायलट के पास 30 से कुछ अधिक विधायकों के समर्थन का दावा किया जा रहा है।



पायलट अभी दिल्ली में हैं और उन्होंने खुले तौर पर पार्टी के खिलाफ असंतोष प्रकट किया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बीजेपी के एक नेता ने कहा कि ऐसा लगता है कि पायलट ने अपना मन बना लिया है और वह गहलोत के नेतृत्व के साथ जाने को तैयार नहीं हैं। वहीं कई रिपोर्ट्स ऐसी हैं जिनमें दावा किया गया है कि पायलट बीजेपी में शामिल नहीं होंगे।