नई दिल्ली/अयोध्या। राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। 5 अगस्त को होने वाले भूमि पूजन के लिए बाक़ायदा आमंत्रण पत्र भेजे जा चुके हैं। ख़ास बात यह है कि राम जन्मभूमि आंदोलन का नेतृत्व कर चुके बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को भूमिपूजन के लिए आमंत्रण अब तक नहीं मिला है।



श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच पर पांच लोग सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत और ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास रहेंगे।श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अभी तक कार्यक्रम में शामिल होने वाले 200 अतिथियों की सूची सार्वजनिक नहीं की है। मगर मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार श्री राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए तैयार आमंत्रण सूची में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का नाम नहीं है। राम जन्मभूमि आंदोलन की अगुवाई कर चुके इन दोनों नेताओं को मंदिर निर्माण के समय भुला दिया जाना चौंकाता है। इतिहास गवाह है कि  लालकृष्ण आडवाणी ने अपनी रथ यात्रा से राम मंदिर आंदोलन को शीर्ष पर पहुँचा दिया था। वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी पर बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आज भी न्यायालय में केस लंबित है। जबकि इस आंदोलन में आडवाणी से काफ़ी कनिष्ठ रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती और विहिप से जुड़े रहे मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया को आमंत्रण मिल चुका है। 



उमा भारती ने स्वीकारा आमंत्रण 

भूमिपूजन में आमंत्रण की पुष्टि करते हुए उमा भारती ने कहा है कि वे 4 अगस्त को अयोध्या पहुँच जाएंगी। इसके साथ ही वे 6 अगस्त तक की सुबह तक अयोध्या में रहेंगी। उमा भारती ने खुद ट्विटर पर इसकी जानकारी दी है।





अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के लिए 5 अगस्त को होने जा रहे भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान भीड़ इकट्ठा नहीं होने दी जाएगी। लोगों से अयोध्या पहुंचने के बजाय इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देखने की अपील की गई है।