नई दिल्ली। टाइटन ग्रुप के मशहूर ज्वैलरी ब्रांड तनिष्क को एक विज्ञापन के चलते ट्विटर पर ट्रोल किया जा रहा है। विज्ञापन में एक मुस्लिम परिवार अपनी हिंदू बहू की गोदभराई की रस्म बड़े प्यार और धूमधाम से मना रहा है। सास अपनी बहू को बेटी तरह प्यार कर रही है। कुल मिलाकर यह विज्ञापन एक परिवार के आपसी प्रेम और रिश्तों की खूबसूरती बयान करता है, अलग-अलग धार्मिक रीति-रिवाज़ों के बावजूद बहू को बेटी मानने की वकालत करता है। लेकिन 9 अक्टूबर को रिलीज हुए इस विज्ञापन पर अब एतराज़ शुरू हो गया है। 

लोगों को लग रहा है कि टाइटन ग्रुप की कंपनी का यह विज्ञापन दरअसल लव जिहाद को बढ़ावा देता है। उन्हें इस विज्ञापन में भारत की बहुसांस्कृतिक भारत की खूबसूरती नज़र नहीं आ रही। सिर्फ यह दिख रहा है विज्ञापन में बहू हिंदू है और उसका ससुराल मुस्लिम। कुछ लोगों को आपसी प्रेम और मेलजोल की वकालत करने वाला यह विज्ञापन इतना नागवार लग रहा है कि वे ट्विटर पर तनिष्क के बहिष्कार की मुहिम तक चला रहे हैं। ट्विटर पर कई यूजर तनिष्क पर नकली धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देने का भी आरोप लगा रहे हैं। कंपनी की तरफ से अब तक इस मसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। 

बीजेपी के आईटी सेल से जुड़े लोगों ने भी इस मसले पर ट्वीट किया है। उनका कहना है कि हमेशा ही हिंदू महिलाओं को मुसलमानों की प्रेमिका और पत्नी के रूप में दिखाया जाता है, जबकि इसका उल्टा नहीं होता। कुछ ट्विटर यूजर्स कह रहे हैं कि एक हिंदू युवती कभी भी मुस्लिम घर में सुरक्षित नहीं होती। हालांकि, भारत में अंतरधार्मिक शादियों का लंबा इतिहास रहा है।

तनिष्क ने अपने इस विज्ञापन को एकत्वम का नाम दिया है। विज्ञापन में दिखाया गया है कि एक मुस्लिम परिवार अपनी हिंदू बहू की पहली संतान के लिए कितना खुश है और हिंदू रीति रिवाजों के तहत गोदभराई का कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। विज्ञापन के अंत में सास अपनी बहू से कहती है कि बेटियों को खुश रखने का रिवाज़ तो सभी जगह होता है। तनिष्क ने यह वीडियो यूट्यूब पर डालते हुए लिखा, "महिला की शादी उस परिवार में हुई है जहां उसे अपने बच्चे की तरह प्यार किया जाता है। सिर्फ उसकी खुशी के लिए परिवार वह कर रहा है जो सामान्य तौर पर उनके यहां प्रचलित नहीं है। यह धर्मों, प्रथाओं और संस्कृतियों का सुंदर सम्मेलन है।"

यूट्यूब पर इस वीडियो को लाइक से ज्यादा डिसलाइक मिले हैं। इसे देखते हुए कंपनी ने कमेंट सेक्सन को बंद कर दिया है। कुछ समय पहले इसी तरह का विवाद सर्फ एक्सेल के विज्ञापन को लेकर भी हुआ था। सर्फ एक्सेल भी अपने विज्ञापन में भारत की बहुधार्मिक संस्कृति की तस्वीर पेश कर रहा था। आलोचना करने वाले तब भी इसे हिंदू विरोधी बता रहे थे।