नई दिल्ली। देश के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा है कि खोजी पत्रकारिता की अवधारणा दुर्भाग्य से मीडिया के कैनवास से गायब हो रही है। सीजेआई ने कहा है कि पहले समाचार पत्रों में स्कैंडल्स का खुलासा होता था लेकिन वर्तमान में विस्फोटक खबरें देखने को नहीं मिलती।

सीजेआई रमना बुधवार को ऑनलाइन माध्यम से वरिष्ठ पत्रकार सुधाकर रेड्डी उडुमुला द्वारा लिखित पुस्तक 'ब्लड सैंडर्स: द ग्रेट फॉरेस्ट हीस्ट' के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि, 'एक व्यक्ति के रूप में जिसकी पहली नौकरी एक पत्रकार की थी, मैं वर्तमान समय की मीडिया पर कुछ विचार साझा करने की स्वतंत्रता ले रहा हूं। दुर्भाग्य से खोजी पत्रकारिता की अवधारणा मीडिया कैनवास से गायब हो रही है। कम से कम भारत के संदर्भ में तो यह सच है।'

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सीजेआई रमना ने आगे कहा कि, 'जब हम बड़े हो रहे थे, तो हम बड़े स्कैंडल्स को उजागर करने वाले समाचार पत्रों की उत्सुकता से प्रतीक्षा करते थे। समाचार पत्रों ने भी हमें कभी निराश नहीं किया। अतीत में हमने बड़े स्कैंडल और कदाचार पर अखबारों की खबरों से उत्पन्न हुई हलचल से गंभीर परिणाम होते देखे हैं। लेकिन हाल के वर्षों में एक या दो को छोड़कर ऐसी खबरें नहीं मिली। हमारे बगीचे में सबकुछ गुलाबी दिखता है। मैं इसके निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए इसे आपके लिए छोड़ रहा हूं।'

चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि व्यक्तियों और संस्थानों की सामूहिक नाकामी को मीडिया द्वारा उजागर किये जाने की जरूरत है। उन्होंने महात्मा गांधी का कथन साझा करते हुए कहा 'तथ्यों के अध्ययन के लिए समाचार पत्रों को पढ़ा जाना चाहिए। उन्हें स्वतंत्र सोच को खत्म करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।' सीजेआई ने उम्मीद जताई कि मीडिया आत्मनिरीक्षण करेगा और गांधी जी के इन शब्दों से खुद को परखेगा।