नई दिल्ली। बहुत ही कम मौके ऐसे होते हैं जब सुप्रीम कोर्ट में कोई जस्टिस सुनवाई के दौरान मजाकिया या विनोदपूर्ण टिप्पणी करें। आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस धीर गंभीर टिप्पणियां करते हैं और कठिन सवाल पूछते हैं। लेकिन आज दो अलग-अलग मामलों की सुनवाई के दौरान सीजेआई एसए बोबडे ने दो ऐसी टिप्पणियां कीं, जो चर्चा का विषय बनी हुई हैं।



एक मामला मथुरा जेल में बंद डॉ. कफील खान से जुड़ा हुआ है। एक मामले में आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत मांगी। इसपर सीजेआई ने पूछा कि भगवान कृष्ण जेल में जन्मे थे और आप जेल छोड़ना चाहते हैं। इसपर आरोपी के वकील ने कहा, ‘जी, माई लॉर्ड’। तब सीजेआई ने आरोपी को जमानत देते हुए टिप्पणी की, ‘अच्छा है कि आप धर्म से इतना करीब से नहीं जुड़े हैं।’





इसके बाद सीजेआई ने 25,000 रुपये के मुचलके पर आरोपी को जमानत दे दी। डॉ. कफील खान से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को सुनवाई जल्दी पूरी करने का निर्देश दिया।



यह निर्देश देते हुए सीजेआई ने टिप्पणी की, “कोर्ट के सामने पेशी में अब वर्चुअल पेशी भी शामिल है। हमने महाभारत के समय से ही वर्चुअल पेशी को इजाजत दी है। जरूरी नहीं है कि पेशी सिर्फ भौतिक पेशी ही हो।”



इस संदर्भ में सीजेआई ने महाभारत के पात्र संजय का उदाहरण दिया।