नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ने लोगों के मेंटल हेल्थ को बुरी तरह से प्रभावित किया है। बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार खत्म होने व लॉकडाउन की वजह से कामकाजी लोग डिप्रेशन का शिकार हो गए हैं। इसी बीच अब जानकारी सामने आई है कि कोरोना वायरस ने 5 साल के मासूम बच्चों तक को भी तनाव व डिप्रेशन का शिकार बना दिया है।

सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के हवाले से मीडिया में आई खबरों के अनुसार देश में 5 साल से लेकर 11 साल के आयुवर्ग के बच्चे तेजी से डिप्रेशन का शिकार हुए हैं। सीडीसी के आंकड़ों के मुताबिक मेंटल हेल्थ से जुड़े विभागों में पहुंचने वाले बच्चों की संख्या में 24 फीसदी तक इजाफा हुआ है। मानसिक रूप से तनाव झेल रहे माता-पिता अब अपने बच्चों के तनाव को लेकर और ज्यादा चिंतित हो गए हैं।

यह भी पढ़ें: शतरंज की दुनिया के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बने अभिमन्यु मिश्रा, 12 वर्ष की आयु में हासिल की उपलब्धि

एक्सपर्ट्स के मुताबिक लॉकडाउन, लंबे समय से स्कूल बंद रहने और दोस्तों से दूरी होने के चलते बच्चों ने हंसने-खेलने का समय गंवाया है। इस वजह से वे अवसाद व डिप्रेशन जैसी जटिल समस्याओं का सामना कर रहे हैं। हालांकि, मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि छोटी-छोटी उपाय से बच्चों को डिप्रेशन से बाहर निकाला जा सकता है।

अमेरिकन फाउंडेशन फॉर सुसाइड प्रिवेशन कि क्रिस्टिन माउटियर कहती हैं कि माता-पिता अपने बच्चों को यह अहसास दिलाएं कि वे उनकी चिंता करते हैं और उन्हें प्यार करते हैं। इससे बच्चे अपनी बात खुलकर कह सकते हैं। इसके अलावा बच्चों को अकेला बिल्कुल ना छोड़ें। इससे उनके दिमाग मे और भी ज्यादा नकारात्मक बातें घर कर सकती हैं। यदि इन प्रयासों के बावजूद भी बच्चे तनाव से बाहर नहीं आते तो एक्सपर्ट्स की सहायता लेना चाहिए।