पटना। ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड में कहर बरपाने के बाद अब चक्रवाती तूफान यास का प्रकोप बिहार में देखने को मिल रहा है। राज्यभर में पिछले 3 दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बिहार के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। बारिश का सबसे बुरा प्रभाव राज्य के कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों पर पड़ा है।



राजधानी पटना समेत दरभंगा और कटिहार से बाढ़ की विचलित करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। राजधानी पटना के कई कोविड-19 डेडिकेटेड अस्पताल जलमग्न हो गए हैं। अस्पतालों के ओपीडी वार्ड तक कमरभर पानी पहुंचने की वजह से कोरोना संक्रमित मरीजों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। बारिश ने अस्पतालों की स्थिति नारकीय बना दिया है। 





पटना के जयप्रभा अस्पताल में पानी घुसने के बाद दवाइयां तक बहने लगी। अस्पताल की इस हालात को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा, 'जरा सी बारिश होती नहीं है कि राजधानी पटना डूब जाता है, आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। बिहार के सभी शहरों की यही स्थिति है। नागरिकों के लिए कोई सुविधाएं नहीं, जल निकासी और साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं। कोने-कोने में कचरों का अंबार। आश्चर्य की कोई बात नहीं बिहार के शहर सबसे ज्यादा गंदे हैं। 





कमोबेश यही स्थिति बिहार के दरभंगा में देखने को मिली है। जिला के शासकीय दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (डीएमसीएच) अस्पताल तालाब बन चुका है। यहां कोविड-19 वार्ड में घुटनों तक पानी भर गया हैं। मरीजों के परिजन पानी मे घुसकर आवश्यक समान पहुंचाने में जुटे हुए हैं। अस्पताल ही नहीं पूरे जिले की स्थिति यही है। हालत ये है सड़कों और नालियों में फर्क करना मुश्किल हो गया है। 





राज्य के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद का गृह जिला कटिहार भी इससे अछूता नहीं है। कटिहार का सदर अस्पताल भी जलमग्न है। यहां ओपीडी सहित विभिन्न वार्डों में पानी के कारण डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों, मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में पानी इतना भर गया कि बेड्स तक डूब गए। शहर के बैगना स्थित नहर बांध टूट गया था। 





गया और सहरसा से भी इसी तरह की तस्वीरें सामने आई है। चक्रवात के प्रकोप से पटना, दरभंगा, बांका, मुंगेर, बेगूसराय, गया और भोजपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत भी हुई है। सीएम ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। दरअसल, बीते 26 मई को चक्रवाती तूफान यास पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटों से टकराया था। मौसम वैज्ञानिकों ने पहले ही चेतावनी जारी की थी कि बिहार में तूफान के कारण 2-3 दिनों तक भयंकर बरसात होगी। बावजूद इसके राज्य सरकार की ओर से कोई खास तैयारियां नहीं दिखी।