नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा भड़काने के मामले में पुलिस ने अपनी पूरक चार्जशीट में सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, अर्थशास्त्री जयति घोष, दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद, स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव, डाक्यूमेंट्री फ़िल्म निर्माता राहुल रॉय का नाम शामिल किया है। दिल्ली पुलिस ने सभी को दंगों का सह षड्यंत्रकारी माना है। 



मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस ने माना है कि चांद बाग में हुई हिंसा के पीछे इनका कोई छुपा हुआ मकसद हो सकता है। चार्जशीट में कहा गया है कि दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिए गए उनके भाषणों की वजह से दिल्ली में हिंसा का माहौल पैदा हुआ। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार पुलिस की पूरक चार्ज शीट में कई प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं और शिक्षविदों के नाम शामिल किए गए हैं। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस हत्या को लेकर कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है।





पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक उत्तर पूर्वी दिल्ली के इलाके में 24 फरवरी को गंभीर सांप्रदायिक हिंसा हुई थी, जिसमें 53 लोगों की जान चली गई थी और 750 से ज्यादा केस दर्ज किए गए थे। दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्सटेबल रतन लाल भी इस हिंसा में मरनेवालों में से एक रहे। पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक रतनलाल पर लाठी-डंडों से हमला हुआ था और उनके शरीर पर 21 घाव के निशान थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट कहती है कि उनकी मौत बंदूक की गोली लगने से हुई। पुलिस ने इस मामले में 17 लोगों को आरोपी बनाया है। 





सरकार ने आदेश दिया है कि विपक्ष को लपेटा जाए: येचुरी 



अपनी प्रतिक्रिया में सीताराम येचुरी ने कहा है कि दिल्ली पुलिस भाजपा की केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय के मातहत काम करती है। उसकी ये अवैध और ग़ैर-क़ानूनी हरकतें भाजपा के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व के चरित्र को दर्शाती हैं। वो विपक्ष के सवालों और शांतिपूर्ण प्रदर्शन से डरते हैं, और सत्ता का दुरुपयोग कर हमें रोकना चाहते हैं। हमारा संविधान हमें न सिर्फ़ CAA जैसे हर प्रकार के भेदभाव वाले क़ानूनों के विरुद्ध शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार देता है, बल्कि यह हमारी ज़िम्मेदारी भी है। हम विपक्ष का काम जारी रखेंगे। BJP सरकार अपनी हरकतों से बाज़ आए। Emergency को हमने हराया था। इस आपातकाल से भी हम निपटेंगे। यह मोदी सरकार न सिर्फ़ संसद में सवालों से डरती है, यह प्रेस कॉन्फ़्रेन्स करने से घबराती है। पीएम केयर फंड पर RTI का जवाब देने से हिचकती है, जैसे कि वो मोदी का निजी Fund हो  ऐसे ही वो अपनी degree दिखाने की बात से भी घबराते हैं। इस सरकार की सभी असंवैधानिक नीतियों और असंवैधानिक क़दमों का विरोध जारी रहेगा। 56 लोग दिल्ली की हिंसा में मारे गए। जहरीले भाषणों का video है, उन पर कार्यवाई क्यों नहीं हो रही है? क्योंकि सरकार ने आदेश दिया है कि विपक्ष को लपेटा जाए, किसी भी तरह से। यही है मोदी और BJP का असली चेहरा, चरित्र, चाल और चिंतन। विरोध तो होगा इसका।



योगेंद्र यादव ने कहा कि मेरे भाषणों को भड़काऊ साबित करें



हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने योगेंद्र यादव पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप लगाए गए हैं। जबकि योगेंद्र यादव ने कहा है कि उनके भाषण अगर भड़काऊ थे तो साबित किया जाए। योगेंद्र यादव ने कहा है कि मेरे सभी भाषण के वीडियो सार्वजनिक स्थलों व सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं। यदि एक भी भाषण का कोई भी हिस्सा हिंसा को भड़काने योग्य प्रतीत होता हो तो साबित कर के दिखाएं।