नई दिल्ली। हिंदू संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने संगठन में महिलाओं की एंट्री पर विचार कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरएसएस अगले लोकसभा चुनाव से पहले या अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर इसका ऐलान कर सकता है। हालांकि महिलाओं को शामिल करने की रूपरेखा क्या होगी, इस पर अभी संगठन के भीतर मंथन चल रहा है। 



महिलाओं को संगठन में शामिल किए जाने के संबंध में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से कुछ सवाल किए हैं। दिग्विजय सिंह ने पूछा है कि क्या आरएसएस किसी महिला या गैर हिन्दू को सरसंघचालक बनाएगा? 



कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने संघ के इस संभावित कदम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या संघ बदल रहा है? क्या संघ महिलाओं और ग़ैर हिंदुओं को संघ में प्रवेश देगा? क्या संघ का पंजीयन होगा?





दिग्विजय सिंह ने आगे पूछा कि क्या संघ का बैंक अकाउंट होगा? क्या संघ में सरसंघचालक के पद पर महिला/ग़ैर हिंदू का चयन/मनोनयन हो सकेगा? संघ की हिंदू राष्ट्र की अवधारणा को लेकर उन्होंने कहा कि क्या संघ “हिंदू राष्ट्र” की मांग पर क़ायम रहेगा? क्या संघ को भारतीय संविधान पर भरोसा है? यदि वे इन प्रश्नों का सकारात्मक उत्तर दें तो मुझे संघ से कोई आपत्ति नहीं होगी।



दरअसल सोमवार से हरियाणा के पानीपत में संघ की तीन दिवसीय बैठक शुरू हो चुकी है। इस बैठक में मुख्य रूप से संघ दो विषयों पर मंथन करने वाला है। पहला, संघ में महिलाओं की एंट्री और दूसरा "संघ की समाज" की अपनी योजना को अमली जामा पहनाना। वहीं इसके साथ ही आरएसएस की मुस्लिम विरोधी छवि को सुधारने को लेकर भी इस बैठक में चर्चा होने की संभावना है।



मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संघ के इस तीन दिवसीय बैठक के पहले दिन संगठन में महिलाओं की एंट्री पर चर्चा की गई है। हालांकि संघ सीधे तौर पर महिलाओं को अपने संगठन में प्रवेश देगा या महिलाओं के लिए एक संगठन का गठन करेगा, इस पर अभी मंथन होना बाक़ी है। महिलाओं के लिए अलग से शाखा लगाने पर भी विचार किया जा रहा है।



हालांकि आरएसएस अपनी इस रूपरेखा का औपचारिक तौर पर आने वाले कुछ महीनों के बाद ऐलान कर सकता है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि आरएसएस या तो आगामी लोकसभा चुनाव या 2025 में अपनी स्थापना के सौ वर्ष पूर्ण होने पर इसका औपचारिक ऐलान कर सकता है।