कोलकाता। भारत के विख्यात परमाणु वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ शेखर बसु का कोरोना से निधन हो गया है। बसु कोविड-19 के साथ ही किडनी संबंधित अन्य रोगों से ग्रसित थे। 68 वर्षीय बसु ने गुरुवार को सुबह पांच बजे के करीब कोलकाता के एक निजी अस्पताल में आखिरी सांसें ली। बसु के निधन से भारतीय परमाणु जगत में शोक की लहर है।



डॉ बसु के मौत पर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शोक जताया है। कोविंद ने ट्वीट कर कहा, 'भारत के वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ शेखर बसु का निधन राष्ट्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है। वह परमाणु विज्ञान अनुसंधान के प्रमुख थे और परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत में उनका काफी योगदान था। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना।'





वहीं बसु के मौत पर पीएम मोदी ने लिखा, 'प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक डॉ शेखर बसु के निधन से दुखी हूं। उन्होंने भारत को परमाणु विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अग्रणी देश के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हमारी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं। ॐ शांति।'





आईएनएस अरिहंत के लिए बनाया था रिएक्टर



मुख्य रूप से मेकेनिकल इंजीनियर रहे डॉ बसु ने भारत की ऐतिहासिक परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत के लिए बेहद जटिल रिएक्टर के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए विश्वभर में जाना जाता है। उन्हें परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में अतुल्यनीय योगदान देने के लिए साल 2014 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।