नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति को किसान संगठनों ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। किसान संगठनों का कहना है कि कृषि कानूनों को रद्द करने की उनकी मांग अब भी कायम है, जिसे सरकार को पूरा करना है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी के सभी सदस्य घोषित रूप से कृषि कानून और सरकार के समर्थक हैं। किसान संगठनों का आरोप है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के जरिए इस कमेटी को लेकर आई है ताकि उस पर दबाव कम हो सके। किसान संगठनों ने कहा है कि वे इस कमेटी को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करते हैं।

किसान नेता बलबीर सिंह राजेवल ने कहा, "सरकार अपने ऊपर से दबाव करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जरिए कमेटी ले आई, इसका हमने कल ही विरोध किया था। हम कमेटी को नहीं मानते हैं, क्योंकि उसके चारों सदस्य कृषि कानूनों को सही ठहराते हैं।" 

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लोहड़ी पर जलाएंगे कानूनों की प्रतियां 
इसके साथ ही किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि वे लोहड़ी के अवसर पर यानी बुधवार को तीनों कृषि कानूनों की प्रतियां जलाएंगे। किसान नेता दर्शन पाल ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि बुधवार को हम लोहड़ी मना रहे हैं जिसमें तीनों कृषि कानूनों को जलाएंगे।

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26 जनवरी को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे 
26 जनवरी को किसानों के संभावित परेड को लेकर किसान संगठनों ने कहा है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन ही करेंगे। किसान संगठनों का आरोप है कि किसानों के खिलाफ जानबूझ के ऐसे भ्रम फैलाया जा रहा है जैसे कि हम किसी दुश्मन देश पर हमला करना चाहते हैं। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा है कि ऐसी गैर ज़िम्मेदार बातें संयुक्त किसान मोर्चा की नहीं है। वहीं 26 जनवरी के कार्यक्रम की रूपरेखा को लेकर बलबीर सिंह ने कहा कि इसकी रूपरेखा 15 जनवरी को तय की जाएगी।