कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों के हत्‍या के मुख्य आरोपी गैंगस्‍टर विकास दुबे के दो साथियों रणबीर शुक्ला और प्रभात मिश्रा को पुलिस ने मार दिया है। पुलिस ने प्रभात मिश्रा को फरीदाबाद के होटल से गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि प्रभात ने पुलिस कस्टडी से भागने की कोशिश की और इस दौरान एनकाउंटर में मारा गया। दूसरा साथी रण्‍बीर शुक्‍ला इटावा में मारा गया। 

आईजी मोहित अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि पुलिस टीम प्रभात को लेकर फरीदाबाद से आ रही थी। रास्ते में गाड़ी पंचर हो गई। इस दौरान प्रभात ने पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की। इसके बाद हुए एनकाउंटर में प्रभात मारा गया है।

यूपी पुलिस के मुताबिक रणबीर शुक्ला ने देर रात महेवा के पास हाईवे पर स्विफ्ट डिजायर कार को लूटा था। उसके साथ तीन और बदमाश थे। लूट की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने चारों को काचुरा रोड पर घेर लिया। वहां पुलिस और रणबीर शुक्ला के बीच फायरिंग शुरू हो गई। घिर चुका रणबीर पुलिस की गोली का शिकार हुआ।  उसके तीन साथी फरार हो गए। रणबीर शुक्ला पर पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था।

7 दिन में 5 साथियों का एनकाउंटर

गैंगस्‍टर विकास दुबे भले ही पुलिस के हाथ नहीं लगा है लेकिन अब तक विकास गैंग के 5 लोग एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। बुधवार को ही विकास का करीबी अमर दुबे का भी एनकाउंटर में मारा गया था।

चौबेपुर थाने के एसओ और दरोगा गिरफ्तार

आठ पुलिसकर्मियां की हत्‍या जिस बिकरू गांव में हुई थी उसके थाने चौबेपुर के एसओ विनय तिवारी और दरोगा केके शर्मा को भी बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि तिवारी और शर्मा 2 जुलाई को बिकरु गांव में मौजूद थे, लेकिन, शूटआउट शुरू होते ही भाग गए थे। विनय तिवारी और केके शर्मा ने विकास दुबे को जानकारी दी थी कि पुलिस की रेड पड़ने वाली है।