केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन द्वारा कानूनों के उल्लंघन मामले में जांच के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति गठित की है। इस समिति की जांच के दायरे में राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट भी होंगे। गृह मंत्रालय ने कहा है कि इन सभी के खिलाफ जांच ईडी का एक विशेष निदेशक करेगा। इन सभी संस्थाओं के खिलाफ पीएमएलए, इनकम टैक्स एक्ट, एफसीआरए इत्यादि के तहत जांच की जाएगी। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हाल ही में आरोप लगाया था कि राजीव गांधी फाउंडेशन को विभिन्न सरकारी उपक्रमों से पैसे मिले।



27 जून को जेपी नड्डा ने आरोप लगाया था कि 2005 से लेकर 2008 तक राजीव गांधी फाउंडेशन में प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष से पैसे भेजे गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने अलग-अलग कॉर्पोरेट्स से पैसा लिया लेकिन यूपीए सरकार खुद को गरीबों का हितैषी बताती रही।



वहीं इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन के खिलाफ गैरकानूनी, मनमाना और दुर्व्यवहार की भावना से की गई कार्रवाई यह बताती कि वे कितना नीचे गिर सकते हैं।





उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “चीन और कोविड 19 से लड़ने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की जगह सरकार बस कांग्रेस से लड़ना चाहती है।”