नई दिल्ली। पेगासक जासूसी कांड, बढ़ती महंगाई और विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ केंद्र की मोदी सरकार चौतरफा घिरी हुई है। विपक्षी दलों ने मॉनसून सत्र के दौरान तमाम मुद्दों को जोरशोर से उठाया है, नतीजतन संसद ठप चल रही है। सदन में विपक्ष के हंगामे को लेकर पीएम मोदी ने आज अपनी बात रखी है। प्रधानमंत्री ने विपक्षी पार्टियों के विरोध को लोकतंत्र और संविधान का अपमान करार दिया है।
मंगलवार सुबह हुई बीजेपी संसदीय दल की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'विपक्ष संसद नहीं चलने दे रहा। यह संसद, संविधान, लोकतंत्र और देश की जनता का अपमान है। सरकार और सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों को हर वो कदम उठाना चाहिए, जिससे सदन को सुचारु रूप से चलाया जा सके। सदन को चलाना हमारी जिम्मेदारी है।' उन्होंने टीएमसी सांसद शांतनु सेन को निशाने पर लेते हुए कहा कि जिस व्यक्ति ने पेपर छीनकर फाड़ा उसे तनिक भी अफसोस नहीं है।
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पीएम मोदी ने पिछले 27 जुलाई को भी सदन ठप होने को लेकर विपक्षी दलों को निशाने पर लिया था। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया था कि, 'जब कोविड-19 पर बैठक बुलाई गई तो कांग्रेस ने बैठक का बहिष्कार भी किया और अन्य दलों को आने से रोका।' इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी सांसदों को निर्देश दिया था कि वे कांग्रेस और विपक्ष के विरोध को जनता और मीडिया के सामने गलत ठहराएं।