बेंगलुरु। कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार और प्रताड़ना का आरोप लगाने वाले ठेकेदार संतोष पाटिल ने मंगलवार को उडुपी में आत्महत्या कर ली। पाटिल हिंदू युवा वाहिनी के नेशनल सेक्रेटरी भी थे। सुसाइड नोट में उन्होंने अपनी आत्महत्या के लिए बीजेपी मंत्री को जिम्मेदार बताया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक पाटिल ने मंगलवार को अपने दोस्तों को एक मैसेज भेजकर बताया था कि उसने आत्महत्या करने का निर्णय लिया है। इसमें उसने केएस ईश्वरप्पा को अपनी मौत का जिम्मेदार बताते हुए कहा कि उसे सजा मिलनी चाहिए। दोस्तों को भेजे मैसेज में पाटिल ने लिखा कि, 'मैं कभी न लौटने वाली यात्रा पर जा रहा हूं। मैंने अपनी सभी इच्छाओं को दबा कर यह निर्णय लिया है। मैं कुछ दोस्तों को अपने साथ ले आया हूं, उनसे झूठ बोलकर कि हम पिकनिक पर जा रहे हैं। लेकिन वे मेरी मौत के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। मैं अपने सभी दोस्तों को धन्यवाद देता हूं, मैं अपनी समस्याओं को उजागर करने के लिए पत्रकारों को भी धन्यवाद देता हूं।'

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संतोष पाटिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से अपनी पत्नी और बच्चे की रक्षा करने का आग्रह किया है। अधिकारियों ने जब उसके परिजनों से बात की तो पता चला कि मंगलवार को वह पिकनिक का बताकर घर से निकला था। बुधवार को उडुपी के एक लॉज में उसका शव बरामद हुआ। 

बता दें कि हाल ही में पाटिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बताया था कि मंत्री ईश्वरप्पा के कहने पर उसने अपने गांव में सड़कों के निर्माण पर कर्ज लेकर 4 करोड़ रुपये निवेश किया है। लेकिन अब मंत्री बिलों का निपटारा नहीं कर रहे हैं,जबकि उन्होंने अलग से 15 लाख रुपए घूस भी लिया है। उसने पीएम मोदी से गुहार लगाया था कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें। उसने यह भी बताया था कि रुपए नहीं मिलेंगे तो उसके पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। लेकिन पीएम कार्यालय से भी उसे मदद नहीं मिली।