नई दिल्ली। जांच एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर विपक्षी दल केंद्र की मोदी सरकार पर लगातार हमलावर हैं। विपक्ष का आरोप है कि ED, CBI, IT समेत तमाम एजेंसियों का भाजपा द्वारा सियासी टूल के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे लेकर टिप्पणी की है। सर्वोच्च अदालत ने ED को फटकार लगाते हुए कहा कि नेताओं को राजनीतिक लड़ाई लड़ने दीजिए, आप क्यों इस्तेमाल हो रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) को फटकार लगाते हुए कहा कि राजनीतिक लड़ाइयां चुनाव में लड़ी जानी चाहिए, जांच एजेंसियों के जरिए नहीं। ED का इस तरह इस्तेमाल क्यों हो रहा है। ये टिप्पणी CJI बीआर गवई और जस्टिस के.विनोद चंद्रन की बेंच ने सोमवार को मैसूर अर्बन डेवलपमेंट बोर्ड (MUDA) केस में ED की अपील की सुनवाई के दौरान की।
CJI ने कहा कि हमारा मुंह मत खुलवाइए। नहीं तो हम ED के बारे में कठोर टिप्पणियां करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने कहा, 'मेरे पास महाराष्ट्र का कुछ अनुभव है। आप देशभर में इस हिंसा को मत फैलाइए।' दरअसल, ED ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को MUDA केस में समन भेजा था। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मार्च में यह समन रद्द कर दिया था। ED ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने आखिर में ED की अपील खारिज कर दी।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई और एक बयान जारी कर कहा कि आखिरकार न्याय हुआ। मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि 'सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय का आदेश बरकरार रखा और ईडी की याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने ईडी के खिलाफ टिप्पणी करने में सावधानी बरती और उन्होंने कहा कि मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट को उच्च न्यायालय के फैसले में कोई गलती नहीं लगी। न्याय हुआ और मुडा घोटाले में ईडी का दखल अब बंद हो जाएगा।'