प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक महीने से ज्यादा वक्त से चल रहे किसान आंदोलन के बावजूद अपने लाए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने को तैयार क्यों नहीं हैं? इस सवाल का जवाब क्या होगा ये इस बात पर निर्भर है कि आप यह सवाल किससे पूछ रहे हैं। आंदोलन कर रहे किसानों और उनके समर्थकों से पूछेंगे तो जवाब मिलेगा कि सरकार उनकी तकलीफ, समस्याओं को समझती नहीं है या कोई यह भी कह सकता है कि सरकार को किसानों की नहीं बड़े कॉरपोरेट की परवाह है। सत्ताधारी बीजेपी या उसके समर्थक कहेंगे कि मोदी के बनाए कानून दरअसल किसानों के हक में हैं, लेकिन वे इस बात को समझ नहीं पा रहे हैं।
बहरहाल, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने भी लोगों से यही सवाल पूछा है। दरअसल, उन्होंने तो अपने ट्विटर हैंडल के जरिए इस सवाल पर एक ऑनलाइन सर्वे ही करा डाला है। राहुल गांधी ने लोगों से सवाल किया है, "मिस्टर मोदी किसान-विरोधी कानूनों को वापस लेने से इसलिए इनकार कर रहे हैं, क्योंकि वे :
1. किसान विरोधी हैं
2. कुछ करीबी पूंजीपतियों के इशारे पर काम करते हैं
3. अहंकारी हैं
4. ऊपर दिए सभी जवाब सही हैं"
हमने जिस वक्त राहुल गांधी का ये ट्विटर सर्वे देखा, तब करीब 70 फीसदी लोग चौथे विकल्प को सही बता रहे थे। यानी उनकी राय में मोदी कृषि बिलों को इसलिए वापस नहीं ले रहे क्योंकि वे किसान विरोधी हैं, कुछ करीबी पूंजीपतियों के इशारों पर काम करते हैं औऱ साथ ही अहंकारी भी हैं।
अब इन सवालों को जिस तरह तैयार किया गया है, उसे देखकर ये बात तो कोई भी समझ सकता है कि ये कोई वैसा सर्वे नहीं है, जैसा सर्वेक्षण करने वाली एजेंसियां करती हैं। और हो भी नहीं सकता, क्योंकि ये सर्वे कोई एजेंसी नहीं, राहुल गांधी जैसे राजनेता कर रहे हैं। लेकिन इतना तो कहा ही जा सकता है कि राहुल गांधी ने इस ऑनलाइन ट्विटर सर्वे के जरिए किसानों के मुद्दे पर मोदी को घेरने का एक दिलचस्प तरीका ज़रूर आजमाया है।