नई दिल्ली। नागालैंड में 14 निर्दोष नागरिकों की हत्या मामले में गृहमंत्री अमित शाह ने आज संसद में बयान दिया। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि गलत पहचान की वजह से ये घटना हुई है और हमें अफसोस हैं। शाह ने सदन को संबोधित करते हुए कहा की राज्य में शांति व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। 

अमित शाह ने सदन में कहा कि भारतीय सेना को नागालैंड के मोन जिले में उग्रवादियों की आवाजाही की सूचना मिली थी। इसके आधार पर सेना के 21 पैरा कमांडो के एक दस्ते ने संदिग्ध क्षेत्र में एम्बुश लगाया था। इस दौरान एक वाहन एम्बुश के स्थान के समीप पहुंचा जिसने रुकने का इशारा करने पर तेजी से निकलने की कोशिश की। आशंका के आधार पर वाहन पर गोलियां चलाई गई। इस दौरान 8 व्यक्तियों में से 6 की मौके पर मौत हो गई। बाद में यह गलत पहचान का मामला पाया गया। 

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शाह के मुताबिक इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने सेना की टुकड़ी को घेर लिया और वाहनों को जला दिया। सुरक्षाबलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोलियां चलानी पड़ी। जिसकी वजह से 7 और लोगों की मौत हो गई तथा कुछ अन्य घायल हो गए। इस घटना में सुरक्षाबल के एक जवान की भी मौत हुई और कई जख्मी हो गए।  घटना की विस्तृत जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है जिसे एक महीने के अंदर जांच पूरी करने को कहा गया है।

इससे पहले विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर सदन में घोर आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज के देखरेख में जांच की मांग की। साथ ही मारे गए लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की। बता दें कि इस घटना पर स्वतः संज्ञान लेते हुए नागालैंड पुलिस ने सेना की टुकड़ी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। प्राथमिकी में पुलिस ने 'सुरक्षा बलों की मंशा नागरिकों की हत्या और उन्हें घायल करना' बताया है।