भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा में कार्यवाही के दौरान स्थिति उस समय हंगामेदार हो गई जब बीजेपी के विधायकों ने सारी मर्यादाओं को लांघते हुए विधानसभा स्पीकर को जूते फेंककर मारने का प्रयास किया। इतना ही नहीं जूते फेंकने वाले विधायकों का कहना है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया। विधानसभा अध्यक्ष इसी के हकदार हैं। कांग्रेस ने इस घटना की निंदा करते हुए दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त मंत्री निरंजन पुजारी ने सदन में 2019-20 के लिए कैग रिपोर्ट पेश करने के बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस स्थगन प्रस्ताव लेकर आई जिसे स्पीकर ने खारिज कर दिया। जिसके बाद विपक्षी विधायकों ने उन्मादी प्रदर्शन किया और विरोध जताया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ओडिशा लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक सदन में बिना बहस के पारित कर दिया।

हद्द तो तब हो गई जब बीजेपी के दो विधायकों जयनारायण मिश्रा और बिष्णु सेठी अपनी-अपनी सीटों पर खड़े हो गए और विरोध जताते हुए स्पीकर पर जूते, कागज, कलम और ईयरफोन्स फेंके। मामले पर बीजेपी विधायक जयनारायण मिश्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'मुझे नहीं पता कि मैंने स्पीकर पर वास्तव में क्या फेंका, लेकिन मैंने कुछ भी गलत नहीं किया। विधानसभा अध्यक्ष इसी तरह के व्यवहार के हकदार हैं।' 

उधर बीजेपी के दूसरे विष्णु सेठी विधायक ने जूते फेंकने की बात का खंडन किया है। उन्होंने मामले पर सफाई देते हुए कहा कि, 'मैंने स्पीकर पर जूते नहीं फेंके। मैंने सिर्फ एक पेन और हेडफोन फेंका है।' हालांकि, इस दौरान वह ये भूल गए कि विधानसभा अध्यक्ष को पेन और हेडफोन फेंक कर मारना भी कोई मर्यादित कार्य नहीं है। कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा ने इस घटना की निंदा की और इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।

विधानसभा में घटित इस मामले पर मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए ओडिशा विधानसभा के स्पीकर सूरज्या नारायण पात्रो ने कहा की वे सभी पहलुओं पर विचार कर रहे हैं। साथ ही इस संबंध में कानून की व्याख्या भी कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इस अमर्यादित व्यवहार के लिए बीजेपी विधायकों को दंडित किया जा सकता है।