नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन पर निशाना साधा है। राज्यसभा सांसद ने कहा है कि देश के 6 राज्यों के अलावा सभी राज्यों ने कहा है कि हमारे पर टीका नहीं है। चिदंबरम ने कहा है कि डॉ हर्षवर्धन को अपनी विफलता को स्वीकार करते हुए इस्तीफा देना चाहिए।



चिदंबरम ने ट्वीट किया, 'केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा घोषित 18-44 वर्ष के लोगों का टीकाकरण की शुरुआत विफलता का पर्याय है। देश के केवल छः राज्यों के अलावा सभी राज्यों ने टीकों की कमी का हवाला देते हुए टीकाकरण कार्यक्रम को शुरू करने से इनकार कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री जिन्होंने घोषणा किया था कि टीकों की कोई कमी नहीं है, उन्हें अपनी विफलता स्वीकार करनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए।'





चिदंबरम ने आगे लिखा कि, 'टीके की कमी और रोल-आउट कार्यक्रम की विफलता कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में कुप्रबंधन का उदाहरण है। यदि इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री को जवाबदेह नहीं ठहराया जाता है, तो और कौन जिम्मेदार होगा?' 



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गौरतलब है कि देशभर में आज यानी 1 मई से 18 वर्ष के ऊपर सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन लगवाने की अनुमति दे दी गई है। लेकिन, टीका बनाने वाली कंपनियों ने किसी भी राज्य को टीका नहीं भेजा है जिस वजह से अधिकांश राज्यों में आज से टीकाकरण अभियान की शुरुआत नहीं हो पाई है। उधर स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन लगातार दावे कर रहे हैं कि देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है।





चिदंबरम ने कल ही कहा था कि 1 मई को स्वास्थ्य मंत्री के दावों का टेस्ट होना है। उन्होंने ट्वीट किया था कि, 'कोई भी राज्य 18-44 वर्ष की आबादी के लिए टीकाकरण शुरू करने के लिए तैयार नहीं लग रहा है।  यहां तक ​​कि CoWin ऐप भी सहयोग नहीं कर रहा है।' कांग्रेस नेता ने कल ही पूछा था कि, 'यदि टीके के अभाव के कारण लोगों को 1 मई के बाद टीकाकरण केंद्रों से लौटा दिया जाता है, तो क्या स्वास्थ्य मंत्री इस्तीफा देंगे?' मामले पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अबतक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।