नई दिल्ली। आतंकवाद को फंडिंग और पनाह देने को लेकर फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स द्वारा ब्लैकलिस्ट किए जाने से बचने की कवायद में पाकिस्तान अपने ही जाल में फंसता दिख रहा है। पाक ने 'ग्रे लिस्ट' से बाहर आने की कोशिशों के तहत 88 आतंकवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया है। इसी के तहत पाकिस्तान ने दाऊद इब्राहिम, हाफीज सईद और मसूद अजहर जैसे कुख्यात आतंकियों पर कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगा दिए हैं।

इन सबके बीच सबसे बड़ी बात यह है कि दाऊद पर प्रतिबंध लगाकर पाकिस्तान का झूठ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब हो गया है। दरअसल, पाकिस्तान अबतक इस बात से इंकार करता रहा है कि भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी अंडरवर्ल्ड का सरगना दाऊद इब्राहिम को उसने पनाह दे रखी है। पाकिस्तान ने अब आतंकियों की एक लिस्ट जारी की है जिसके मुताबिक दाऊद इब्राहिम कराची में है।

पाकिस्तान द्वारा जारी इस लिस्ट में दाउद इब्राहिम का पता व्हाइट हाउस कराची लिखा गया है। साथ ही पाकिस्तान सरकार ने दाऊद इब्राहिम का खाता सील करने के साथ साथ उस पर शिकंजा कसने का भी आदेश दिया है। पाकिस्तान द्वारा दाऊद के सभी बैंक खातों को सील करने और संपत्ति जब्त करने के आदेश के बाद यह जगजाहिर है कि वह कराची में ही दुबका बैठा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हाल ही में पाकिस्तान को इन आतंकियों पर एक्शन लेने के निर्देश दिए थे।

पाकिस्तानी अखबार 'द न्यूज' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा जारी नई सूची के अनुपालन में आतंकवादी समूहों के 88 आकाओं और सदस्यों पर प्रतिबंध लगाए हैं। अधिसूचनाओं में घोषित प्रतिबंध जमात-उद-दावा, जैश-ए-मोहम्मद, तालिबान, दाएश, हक्कानी समूह, अलकायदा और अन्य पर लगाए गए हैं।