नई दिल्ली। विपक्ष द्वारा लोक सभा और राज्य सभा की कार्यवाही के बहिष्कार की बीच खबर है कि संसद का मानसून सत्र आज ही समाप्त हो सकता है। हालांकि, पहले तय किए गए कार्यक्रम के मुताबिक मानसून सत्र को एक अक्टूबर को सम्पन्न होना था। बताया जा रहा है कि सांसदों के लगातार कोरोना वायरस से संक्रमित होने की वजह से यह कदम उठाया जा रहा है। इससे पहले 19 सितंबर को न्यूज एजेंसी पीटाआई ने खबर दी थी कि संसद सत्र एक सप्ताह पहले ही समाप्त हो सकता है। 

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार राज्य सभा आज पांच विधेयकों पर चर्चा के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी जाएगी। वहीं लोक सभा को शाम पांच बजे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया जाएगा। दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों के उपस्थित ना रहने की वजह से विधेयकों पर चर्चा मात्र एक औपचारिकता भर रह गई है। 

कृषि विधेयकों को लेकर राज्य सभा में हुए हंगामें के बाद विपक्षी दलों के आठ सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। उनके निलंबन को वापस लेने की मांग के साथ विपक्ष ने पहले राज्य सभा और फिर बाद में लोक सभा की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया। ये आठ सांसद खुद अपने निलंबन के खिलाफ संसद परिसद में धरने पर बैठे रहे। 

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सांसदों का निलंबन वापस लेने का साथ-साथ विपक्ष ने किसानों के लिए भी नया विधेयक लाने की मांग की। विपक्ष ने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो वह दोनों सदनों का बहिष्कार जारी रखेगा। राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार किसानों के लिए एक नया विधेयक लाए, जिसमें यह प्रावधान हो कि कोई भी निजी व्यवसायी एमएसपी के कम दाम पर किसानों की फसल नहीं खरीदेगा। दूसरी तरफ विपक्ष की गैर मौजूदगी का फायदा उठाकर सरकार ने दोनों सदनों में धड़ाधड़ विधेयक पारित करा लिए।