नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने बुधवार केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के राहुल गांधी को लेकर दिए गए बयान पर पलटवार किया। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को सिंधिया से सतर्क रहना चाहिए। जो अपनी पूर्व पार्टी के प्रति वफादार नहीं रहा है, वह बीजेपी लिए भी वफादार नहीं रहेगा।

दरअसल, सिंधिया ने राहुल गांधी पर कमेंट किया था कि कुछ दिनों से राहुल और उनकी पार्टी न्यायपालिका पर दबाव डालते हुए धमकी देने का काम कर रही है। राहुल ने अपनी लड़ाई को लोकतंत्र की लड़ाई बना दिया है। कांग्रेस के पास कोई विचारधारा नहीं बची है। उसके पास केवल देशद्रोही विचारधारा है, जो देश के खिलाफ काम करती है।

यह भी पढ़ें: कोर्ट में वर्चुअली पेश हो सकते हैं वकील, कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच CJI का अहम फैसला

इसपर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए राहुल लड़ाई लड़ रहे हैं। ये बात सिंधिया कभी नहीं समझेंगे। अभी वह नए-नए भाजपा में गए हैं। जिस व्यक्ति को कांग्रेस ने इतना आगे बढ़ाया। अगर वो इंसान कांग्रेस का नहीं हुआ तो आपका (भाजपा का) क्या ही होगा।

खेड़ा ने आगे कहा, 'आप लोकतंत्र को मारेंगे और सोचेंगे कि चीख भी बाहर न निकले। ऐसे में तो राहुल गांधी बोलेंगे। आप कायर हैं, डरपोक हैं। हम आपसे नहीं डरते और न राहुल गांधी आपसे डरते हैं। जो व्यक्ति खुद को महाराज कहलाना पसंद करते हैं, वो हमें फर्स्ट सिटिजन पर सीख ना दें। हमारी लड़ाई लोकतंत्र बचाने की है।'

पवन खेड़ा ने कहा कि जब मिस्टर सिंधिया राजनीतिक रूप से रेलेवेंट बने रहने के लिए यह सब करते हैं। इसके कई उदाहरण हैं। जैसे राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बने रहने के लिए उन्होंने अपनी पार्टी बदली, उन्होंने अपने दोस्त बदले, अपनी वफादारी बदली और वह हमें राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बने रहने का व्याख्यान दे रहे हैं।

यह भी पढ़ें: दिग्विजय सिंह के विंध्य दौरे और बीजेपी के आंतरिक सर्वे के बीच बदला पीएम का कार्यक्रम, अब रीवा आएंगे पीएम मोदी

पवन खेड़ा ने आगे कहा कि जहां तक न्यायपालिका पर दबाव डालने की बात है किरेन रिजिजू न्यायपालिका को धमकियाँ देते रहते हैं, आरएसएस के पाञ्चजन्य एक लेख लिखते हैं कि कैसे सुप्रीम कोर्ट देशद्रोहियों का एक उपकरण बन रहा है जो न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। कौन कह रहा है कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश देशद्रोही हैं, किरेन रिजिजू ऐसा कह रहे हैं। इसलिए मिस्टर सिंधिया अपने सहयोगी को न्यायपालिका पर दबाव और धमकी न देने की सलाह दें।