नई दिल्ली। पेगासस जासूसी कांड को लेकर मॉनसून सत्र में हो रहे हंगामे के बीच बुधवार को कांग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता में IT पर संसदीय स्थायी समिति की बैठक हुई। इस बैठक का मुख्य एजेंडा नागरिकों की डेटा सुरक्षा और गोपनीयता थी। खास बात ये रही कि बीजेपी सांसदों ने इस बैठक से वॉक आउट किया। पार्लियामेंट्री पैनल को बहिष्कार करने के पीछे बीजेपी सदस्यों ने तर्क दिया कि सदन की कार्यवाही के बीच समिति की बैठक का आयोजन नहीं किया जा सकता।

स्थायी समिति की बैठक शुरू होने से पहले ही उसका बहिष्कार करने को लेकर बीजेपी निशाने पर आ गई है। इसे लेकर बीजेपी सांसदों ने एक तर्क यह भी दिया कि इसे संसद के चल रहे सत्र के दौरान बुलाया गया है। पैनल के सदस्य निशिकांत दुबे ने कहा, ' हमारे साथ बैठक के एजेंडे को साझा नहीं किया गया था। नियमानुसार समिति के सदस्यों की सहमति से एजेंडा तय किया जाना चाहिए। साथ ही चल रहे सत्र के बीच बैठक रखना उचित नहीं है।'

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बीजेपी नेता ने यह भी आरोप लगाया कि स्टैंडिंग कमेटी में शशि थरूर पर्सनल एजेंडा थोप रहे हैं। पैनल के एक अन्य सदस्य जफर इस्लाम ने कहा, 'बैठक के एजेंडे को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए। नियम के मुताबिक गोपनीयता बनाए रखी जानी चाहिए। बैठक से पहले एजेंडा सार्वजनिक हो गया। यह ठीक नहीं है।' हालांकि, बैठक का एजेंडा लोकसभा सचिवालय के नोटिफिकेशन की वजह से सार्वजनिक हुई थी। साथ ही नियम के मुताबिक देखा जाए तो बैठक के दौरान क्या बातें हुईं ये सार्वजनिक नहीं होनी चाहिए।

दरअसल, आईटी पर 32 सदस्यीय स्थाई समिति के अधिकांश सदस्य बीजेपी से हैं वहीं पैनल की अध्यक्षता कांग्रेस नेता शशि थरूर करते हैं। खास बात ये है कि इस समिति को केंद्र सरकार के किसी भी मंत्रालयों के बड़े अधिकारियों को तलब करने और उनसे स्वाल करने की शक्ति है। इसी बात को लेकर बीजेपी के सदस्य सतर्क नजर आए।

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संसदीय पैनल ने इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी एवं गृह मंत्रालय के अधिकारियों को तलब भी किया था। उधर बैठक से पहले ही थरूर ने पेगासस स्पाईवेयर समेत कई मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इन मुद्दों पर चर्चा करने से बच रही है। वे लगातार ये कहते रहे हैं कि पेगासस एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता है।