भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगी आग के कारण अब लोगों ने इसकी तरकीब निकालनी शुरू कर दी है। नेपाल की सीमा से सटे इलाकों के लोग अब पड़ोसी देश में जाकर पेट्रोल भराने लगे हैं। जी हां, नेपाल की सीमा से लगने वाले बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों ने नेपाल से तेल खरीदना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं नेपाल से पेट्रोल-डीजल की तस्करी भी जोरों पर है। ऐसा तब है जब खुद नेपाल अपनी ज़रूरत का पेट्रोल-डीज़ल भारत से ही खरीदता है।

नेपाल में भारत के मुकाबले पेट्रोल लगभग 22 रुपए प्रतिलीटर सस्ता है। जबकि नेपाल में बिक रहा सस्ता तेल भारत से ही जाता है। इसकी सीधी वजह ये है कि नेपाल सरकार अपने नागरिकों से पेट्रोल-डीज़ल पर उतना भारी भरकम टैक्स नहीं वसूल करती, जितना भारत की सरकार करती है। दरअसल नेपाल के साथ भारत के समझौते  के तहत इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ही नेपाल के लिए खाड़ी देशों से ईंधन मंगाता है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन नेपाल को ईंधन सप्लाई खरीद मूल्य पर ही करता है। नेपाल से केवल रिफाइनरी और परिवहन शुल्क लिया जाता है।

कोरोना महामारी के कारण नेपाल की सीमा पर पाबंदी अभी नहीं खुली है। सख्ती के बावजूद ग्राहक किसी तरह बच-बचाकर पेट्रोल लेने नेपाल पहुंच ही जा रहे हैं। हालात यह है कि बिहार के अररिया और किशनगंज जिलों से लगती सीमा पर पगडंडियों से पेट्रोल की तस्करी करते कुछ लोग पकड़े जा चुके हैं। पुलिस और एसएसबी जवानों की चौकसी से बचते हुए तस्कर धड़ल्ले से तेल का खेल कर रहे हैं। ये तस्कर पेट्रोल लाकर सस्ते में छोटे दुकानदारों को बेच देते हैं, और लोग भी पेट्रोल पंप से सस्ता पेट्रोल देख छोटे दुकानदारों से ही पेट्रोल खरीदते हैं।

भारतीय सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) के डीआईजी एस.के. सारंगी के मुताबिक डीजल-पेट्रोल की तस्करी की सूचना मिलने के बाद सीमाई इलाकों में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। किशनगंज के एसपी कुमार आशीष ने एक हिंदी अखबार को बताया कि एसएसबी से समन्वय स्थापित कर चौकसी बढ़ाने का निर्देश थानाध्यक्षों को दिया जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत-नेपाल का जोगबनी (बिहार) सीमा काफी अलर्ट पर है, मगर खुली सीमा क्षेत्र में 30 से ज्यादा ऐसी जगहें हैं, जहां पगडंडियों के सहारे ग्राहक आसानी से नेपाल आ-जा सकते हैं। 

उत्तरप्रदेश की बात करें तो गोरखपुर, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत के लोग नेपाल से पेट्रोल-डीजल भरवाकर वापस लौटते हैं। स्थानीय लोग छोटी गाड़ियों व बाइक से नेपाल की सीमा में प्रवेश कर वाहनों की टंकी भराकर वापस लौट आते हैं। वहीं कुछ लोग डीजल, पेट्रोल को कनस्तर में भरकर लाते हैं और स्थानीय बाजारों में इसे बेचते हैं। इनसब के बीच उत्तराखंड के लोगों को सस्ती दरों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कोरोना के कारण इन दिनों भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर वाहनों की आवाजाही सीमित है। प्रशासन ने चुनिंदा व्यापारियों को ही नेपाल जाने के लिए पास जारी किया है।