नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजयदशमी के अवसर पर देश की सात नई रक्षा कम्पनियों की शुरुआत की। पीएम मोदी ने शुभारंभ समारोह को वर्चुअल संबोधित करते हुए भारत को विश्व की सबसे बड़ी सैन्य शक्ति बनाने का वादा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन कम्पनियों के जरिए रक्षा के क्षेत्र में भारत की विदेशों पर निर्भरता खत्म होगी। 

प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह फैसला पिछले पंद्रह बीस सालों से लटका हुआ था, लेकिन अब भारत को रक्षा क्षेत्र में सशक्त करने का बड़ा प्रयास है। प्रधानमंत्री मोदी ने उम्मीद जताई कि 

हालांकि अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी भारत को शीर्ष स्तर की महाशक्ति बनाने वाली अतीत की सरकारों को कोसना नहीं भूले। प्रधानमंत्री मोदी ने बिना नाम लिए अतीत की सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि आजादी के बाद जिस तरह से रक्षा के क्षेत्र में अपग्रेड करने की जरूरत थी, वैसा नहीं किया गया। 

प्रधानमंत्री ने सांकेतिक तौर पर अंग्रेजी हुकूमत की तारीफ करते हुए कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ऑर्डनेंस फैक्ट्री का दमखम पूरे विश्व ने देखा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि उस दौरान हम बेहतर संसाधनों से लैस हुआ करते थे, हमारे पास विश्व स्तरीय स्किल होता था। लेकिन प्रधानमंत्री के दावे के मुताबिक आजादी के बाद हमने नए युग के तकनीकों नहीं अपनाया।