नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है की वे आलोचकों का बेहद सम्मान करते हैं। पीएम मोदी ने आलोचना को कठिन काम करार देते हुए कहा है कि दुर्भाग्य से देश में आलोचकों की भारी कमी है। प्रधानमंत्री का यह बयान सुर्खियों में हैं, चूंकि विपक्ष लगातार यह आरोप लगाती रहती है कि पीएम मोदी अपने आलोचकों को चुप कराने के लिए उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाते हैं और इस काम के लिए उन्हें केंद्रीय एजेंसियों का सहारा लेना पड़ता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अंग्रेजी पत्रिका ओपन को दिए एक इंटरव्यू में ये बातें कही है। पीएम मोदी ने आलोचना और आरोपों में फर्क बताया है। उन्होंने कहा है कि अधिकांश लोग सिर्फ आरोप लगाते हैं, क्योंकि उनके पास मुद्दों के बारे में पढ़ने का समय नहीं है। पीएम के मुताबिक आलोचना  गहन शोध या अध्ययन पर आधारित होती है। उन्होंने कहा, 'मैं खुले दिल से आलोचकों का बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन दुर्भाग्य से देश में आलोचकों की संख्या बेहद कम है। जो लोग धारणा के आधार पर खेल करने का प्रयास करते हैं, उनकी संख्या ज्यादा है, लेकिन अध्यन करने के बाद आलोचना करने वालों की भारी कमी है।'

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प्रधानमंत्री ने कहा, 'किसी मुद्दे पर सरकार की आलोचना करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। उस बारे में खूब अध्ययन करना पड़ता है। लेकिन आज की तेजी से भागती दुनिया में लोगों के पास इसके लिए समय ही नहीं है। इसलिए कभी कभी मुझे आलोचकों की कमी खलती है।' पीएम मोदी ने इस इंटरव्यू में विपक्ष को भी निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि जो लोग कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं वे राजनीतिक धोखाधड़ी कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने इस दौरान एक बार फिर से कहा है कि केंद्र सरकार प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। इंटरव्यू में पीएम मोदी ने अपनी सरकार के वैक्सीनेशन प्रोग्राम की जमकर तारीफें की। उन्होंने कहा कि आज देश की 69 फीसदी आबादी कम से कम एक डोज ले चुकी है। उन्होंने वैक्सीनेशन को चौंकाने वाली कामयाबी करार देते हुए कहा है कि इस मामले में भारत आत्मनिर्भर बनता जा रहा है।