पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह अपने राज्य के सभी विधायकों के साथ दिल्ली के राजघाट पर एक दिन का धरना देंगे। पंजाब के सीएम और विधायकों को राज्य में मालगाड़ी का परिचालन रोकने से उपजे हालात को लेकर नाराज़गी है। असल में पंजाब में रेल विभाग ने 7 नंवबर तक रेलगाड़ियों की आवाजाही रोक दी है। इस गतिरोध को रोकने के लिए पंजाब के शिष्‍टमंडल ने राष्ट्रपति से गुहार लगाई थी, लेकिन उन्होंने ने भी समय नहीं दिया। इसके बाद अमरिंदर सिंह ने यह घोषणा की है।

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 सीएम यह धरना प्रदर्शन केंद्र सरकार द्वारा राज्य में मालगाडियों का परिचालन बंद करने के विरोध में है। पंजाब में बिजली संकट उत्पन्न हो गया है। इसकी वजह किसानों का धरना है। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के किसान का धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने थर्मल प्लांट की तरफ जाने वाले रेलवे ट्रेक को जाम किया हुआ है। जिसके चलते रेलवे ने राज्‍य में मालगाडियों का परिचालन 7 नवंबर तक बंद कर दिया है। मालगाड़ियों की आवाजाही ठप है। जिसके चलते पंजाब में पांच थर्मल प्लांटों में कोयले की कमी है। इसी वजह से बिजली का उत्पादन भी रूक गया है।  आपको बता दें, इन्हीं मांगों को लेकर अमरिंदर सिंह सभी विधायकों के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलना चाहते थे। लेकिन राष्ट्रपति ने मिलने का समय नहीं दिया।

सीएम अमरिंदर सिंह अब बुधवार को राज्‍य के विधायकों के ए‍क दिन के धरने का नेतृत्‍व करेंगे। सीएम का कहना है कि राज्य में बिजली संकट पैदा हो गया है, राज्य की हालत की तरफ ध्यान दिलाने के उद्देश्य से दिल्ली के राजघाट में धरना देने का फैसला किया गया है। वहीं सीएम ने राज्य की अन्य पार्टियों के विधायकों से धरने में शामिल होने की अपील की है।