नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली के कुछ इलाक़ों में हुए बवाल और लाल क़िले पर क़ब्ज़ा करके धार्मिक झंडा फहराए जाने की घटना की किसान नेताओं ने कड़ी आलोचना की है। किसान नेता इस पूरे हंगामे के लिए पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू और सरकारी एजेंसियों का हाथ बता रहे हैं। उनका कहना है कि युवाओं को गुमराह करके लाल क़िले की तरफ़ ले जाने का काम दीप सिद्धू ने किया। कुछ किसान नेता तो दीप सिद्धू को केंद्र सरकार का दलाल तक बता रहे हैं। इस बीच, दीप सिद्धू की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कुछ पुरानी तस्वीरें वायरल हो रही हैं।

भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के नेता गुमनाम सिंह चढ़ूनी ने दीप सिद्धू पर नौजवानों को भड़काकर लाल क़िले तक ले जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वो केंद्र सरकार का दलाल है। उन्होंने साफ़ किया कि किसानों का प्रदर्शन कोई धार्मिक आंदोलन नहीं है और भविष्य में भी यह आंदोलन धार्मिक नहीं रहेगा। चढ़ूनी ने मंगलवार की शाम ही एक वीडियो जारी करके लोगों से दीप सिद्धू से सावधान रहने की हिदायत दी है। उन्होंने वीडियो में कहा है कि हमारा आंदोलन सिर्फ़ किसानों का आंदोलन है, जनता का आंदोलन है। यह किसी भी मायने में धार्मिक आंदोलन नहीं है। चढ़ूनी ने कहा है कि दीप सिद्धू ने जो कुछ भी किया, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं और मानते हैं कि वो केंद्र सरकार का दलाल है, जो पिछले कई दिनों से गड़बड़ी फैलाने में लगा है। वो हमेशा किसान नेताओं के ख़िलाफ़ बोलता है और उनके ख़िलाफ़ लोगों को गुमराह करता है। उसने जो भी किया वो बेहद निंदनीय है। हमने लालक़िले की तरफ़ जाने की कोई अपील नहीं की थी।

किसान नेता राकेश टिकैट ने भी आरोप लगाया है कि दीप सिद्धू कोई आंदोलनकारी नहीं बल्कि बीजेपी का कार्यकर्ता है, जिसकी प्रधानमंत्री के साथ तस्वीर भी सबके सामने है। उन्होंने कहा कि बैरिकेड तोड़ने या हिंसा करने में शामिल रहे लोगों की हमारे आंदोलन में कोई जगह नहीं है। 

किसान नेता राजिंदर सिंह ने कहा कि इस पूरे बवाल के पीछे केंद्र सरकार की कुछ एजेंसियों का हाथ है, दीप सिद्धू की भूमिका भी ग़लत रही।  किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहन ने कहा कि जो कुछ भी हुआ वो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हम समझने की कोशिश करेंगे कि गड़बड़ी कहां हुई, क्योंकि ऐसा लगता है केंद्र सरकार की एजेंसियाँ अपनी साज़िश में कामयाब हो गईं। कीर्ति किसान यूनियन के उपाध्यक्ष रजीन्दर सिंह दीपसिंह वाला ने बताया कि केंद्र सरकार शुरू से ही किसान आंदोलन को सांप्रदायिक रंग देना चाहती थी। दीप सिद्धू ने उनकी अच्छी सेवा की है।

इस बीच, दीप सिद्धू ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि लाल किला पर झंडा उन्होंने ही लगाया। पर अपने ऊपर लगे आरोपों को उन्होंने ख़ारिज कर दिया। दीप सिद्धू ने कहा कि कुछ संगठनों के नेताओं ने तय रूट फॉलो नहीं करने की बात पहले ही कही थी, पर भारतीय किसान यूनियन ने इसे नजरंदाज कर दिया।

दीप ने सिद्धू पहले भी आंदोलन में किसान यूनियन की लीडरशिप पर सवाल उठाते रहे हैं। पिछले साल उन्होंने किसान नेताओं की आलोचना करते हुए शंभु मोर्चा के नाम से अपना अलग संगठन बनाने की घोषणा की थी। तब उनके संगठन को खालिस्तान समर्थक चैनलों से समर्थन भी मिला था। पिछले लोकसभा चुनाव में दीप ने गुरदासपुर से भाजपा सांसद और बॉलीवुड एक्टर सनी देओल के लिए चुनाव प्रचार किया था। दीप सिद्ध् की भाजपा से नजदीकी की बात कहकर अब सोशल मीडिया पर उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह व सांसद सनी देओल के साथ तस्वीरें वायरल हो रही हैं।

दीप सिद्ध् को किसान संगठनों के प्रमुख नेताओं ने दिल्ली बॉर्डर पर बोलने का मौका नहीं दिया। इसके बाद से वो सोशल मीडिया के जरिए किसान नेताओं के फैसलों पर सवाल उठाते रहे हैं। किसान आंदोलन के दौरान वो चर्चा में तब आए जब वो एक पुलिस अधिकारी से अंग्रेजी में बहस कर रहे थे। इस वीडियो को बाद में फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया पर शेयर किया और लिखा, 'गरीब भूमिहीन किसान, जिनके लिए लोग रो रहे हैं।'

कौन है दीप सिद्धू

पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब जिले में जन्मे दीप सिद्धू के पास वकालत की डिग्री है। दीप किंगफिशर मॉडल हंट के विजेता रह चुके हैं और मिस्टर इंडिया कॉन्टेस्ट में मिस्टर पर्सनैलिटी का खिताब जीत चुके हैं। शुरूआत में मॉडलिंग की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। बालाजी टेलीफिल्म्स के लीगल हेड रहे और ब्रिटिश फर्म हैमंड्स के साथ भी काम किया। इसी दौरान दीप ने एक्टिंग करियर की शुरूआत की, जिसके बाद वो पंजाबी फिल्मों के जाने-माने अभिनेता बन गए।