नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी वीडियो सीरीज के जरिए आर्थिक मोर्चे पर केंद्र सरकार पर लगातार हमला कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने अपने नए वीडियो में लॉकडाउन को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अचानक किया गया लॉकडाउन अर्थव्यवस्था के असंगठित क्षेत्र के लिए मृत्युदंड शामिल हुआ। राहुल गांधी ने कहा कि लॉकडाउन कोरोना पर हमला ना होकर, देश के करोड़ों गरीबों, मजदूरों, किसानों, आम लोगों पर हमला था। 



कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च के आखिर में देश में 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थी। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने 21 दिन में कोरोना खत्म करने का वादा किया था लेकिन असल में उन 21 दिनों में करोड़ों रोजगार और छोटे उद्योग खत्म कर दिए। 





राहुल गांधी ने लॉकडाउन को नोटबंदी और जीएसटी के बाद असंगठित क्षेत्र पर केंद्र सरकार द्वारा किया गया तीसरा हमला करार दिया। इससे पहले उन्होंने कहा था कि नोटबंदी और जीएसटी केंद्र सरकार की भूल नहीं थी, बल्कि सोचे समझे कदम थे। इन कदमों का उद्देश्य देश की रीढ़ माने जाने वाले असंगठित क्षेत्र को खत्म करना है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण 20 से 20 साल के 2.71 करोड़ के युवा बेरोजगार हो गए। 



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पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने लॉकडाउन को खोले जाने के बाद केंद्र सरकार द्वारा प्रभावी कदम ना उठाने को लेकर भी सरकार की आलोचना की। उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस पार्टी ने बार-बार सरकार से न्याय योजना लागू करने की बात कही, गरीबों को सीधे नकद देने की बात कही, एमएसएमई सेक्टर को 1 लाख करोड़ का विशेष पैकेज देने की बात कही, लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। 



राहुल गांधी ने कहा कि केवल गरीबों को नकद पैसा देकर ही इस संकट का सामना किया जा सकता था लेकिन केंद्र सरकार ने गरीबों को कुछ देने की जगह केवल 15-20 उद्योगपतियों का लाखों करोड़ों का कर्ज माफ कर दिया। 



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अंत में उन्होंने कहा कि लॉकडाउन हमारे युवाओं के भविष्य, मजदूरों-किसानों और छोटे व्यापारियों पर आक्रमण था। उन्होंने कहा कि आम लोगों को यह बात समझनी होगी और इस हमले के खिलाफ संगठित होकर लड़ना होगा।