नई दिल्ली। देशभर में आज (गुरुवार 20 अगस्त) को भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी का 75 वीं जयंती मनाई जा रही है। कंप्यूटर क्रांति के जनक माने जाने वाले राजीव के जन्मदिन को सद्भावना दिवस के रूप में मनाई जाती है। राजीव के जयंती पर राहुल गांधी, पीएम नरेंद्र मोदी, दिग्विजय सिंह, शशि थरूर जैसे तमाम शख्सियत उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने पिता राजीव के बारे में कहा है की वह एक दयालु और प्यार करने वाले इंसान थे। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'राजीव गांधी अपने समय से बहुत आगे के व्यक्ति थे। लेकिन इन सबसे परे वह एक उदार और प्रेम करने वाले इंसान थे। मैं उन्हें अपने पिता के रूप में पाकर खुद को बहुत भाग्यशाली और गौरवान्वित महसूस करता हूं। हम उन्हें आज और हर दिन याद करते हैं।'

पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

तब बीजेपी कर रही थी विरोध, आज रोज़गार दे रहे हैं कंप्यूटर: दिग्विजय सिंह 

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राजीव को याद करते हुए कहा है काश वे आज हमसब के बीच होते। उन्होंने कहा, 'राजीव जी वो शख्सियत थे जिनमें दूरदृष्टि थी। उनमें देश की आवश्यकताओं को समझने की अद्भुत शक्ति थी। उन्होंने भारत को कंप्यूटर युग में शामिल कर देशभर में सूचना क्रांति का संचार किया था। जब वह भारत में कंप्यूटर ला रहे थे तब बीजेपी समेत तमाम राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे थे। लेकिन आज कंप्यूटर और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से करोडों लोगों को रोजगार मिला है।

आज हम जो भी हैं वह राजीव के बदौलत: शशि थरूर 

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने राजीव गांधी को याद करते हुए कहा है कि आज हम जो कुछ भी हैं वह राजीव जी का देन है। आइए हम उन्हें गर्व और सम्मान के साथ याद करें। एक बहुत छोटे जीवन में उन्होंने बहुत कुछ हासिल किया। उन्होंने देश के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर दी। राजीव ही थे जिन्होंने पंचायती राज्य के माध्यम से समाज के सबसे निचले स्तर के लोगों को ऑथोरिटी और डेमोक्रेसी दिलाया था। वह सही मायनों में 21वीं शताब्दी के शिल्पकार थे।

बता दें कि कट्टरपंथियों द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी की हत्या करने के बाद 1984 में राजीव गांधी ने देश की बागडोर संभाली थी। उन्होंने भारत के नौवें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद 1984 से लेकर 1989 तक भारत का नेतृत्व किया था। राजीव देश के अबतक के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। साल 1984 में उन्हें जब कुर्सी मिली तब वह महज 40 वर्ष के थे।

पायलट की ट्रेनिंग ले चुके राजीव गांधी शुरुआत में राजनीति में आने को इच्छुक नहीं थे, लेकिन परिस्थितियों ने उन्हें देश का सबसे युवा प्रधानमंत्री बन दिया। राजीव एकलौते ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं जो ज्यादातर अपनी कार खुद चलाया करते थे। प्रधानमंत्री रहने के दौरण भी कई मौकों पर कार ड्राइव करने वाले राजीव अपने चुनावी रैलियों में भी खुद ही गाड़ी चलाकर सभास्थल तक जाया करते थे। साल 1991 में तमिल चरमपंथियों ने एक चुनावी अभियान के दौरण राजीव की हत्या कर दी थी।