चंडीगढ़। गुरुवार को हरियाणा में दक्षिणपंथी समूहों की एक भीड़ चर्च के सामने एकत्रित हो गई। भीड़ ने जबरन धर्मांतरण का आरोप लगा कर चर्च में घुसने की कोशिश की। लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस बल ने भीड़ को चर्च में घुसने से रोक दिया। 

हरियाणा के रोहतक में इंदिरा कॉलोनी स्थित एक चर्च में दक्षिणपंथी समूहों की एक भीड़ गुरुवार को इकट्ठा हो गई थी। भीड़ का दावा था कि चर्च में जबरन लोगों का धर्मांतरण कराया जा रहा है। हिंसा की आशंका को देखते हुए पुलिस बल ने भीड़ को तितर बितर कर दिया। 

वहीं पुलिस ने भी भीड़ के धर्मांतरण के दावे को खारिज कर दिया। पुलिस को चर्च में भीड़ द्वारा हिंसक घटना घटित होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद एहतियातन चर्च के बाहर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था। जिस वजह से पुलिस एक बड़ी हिंसक घटना को रोकने में कामयाब हो पाई। 

रोहतक के डिप्टी कमिश्नर मनोज कुमार का एक बयान भी मीडिया में सामने आया है। जिसमें पुलिस अधिकारी ने बताया है कि चर्च में जबरन धर्मांतरण कराए जाने की शिकायत प्राप्त हुई थी। हालांकि मामले की छानबीन करने के बाद धर्मांतरण का दावा झूठा निकला। जांच के दौरान पुलिस को धर्मांतरण जैसा कोई मामला नहीं मिला। 

वहीं चर्च के सहायक पादरी ने भी धर्मांतरण के आरोपों को खारिज किया है। पादरी का कहना है कि चर्च में लोग अपनी श्रद्धा से आते हैं। पादरी ने कहा कि बुधवार को एसएचओ ने धर्मांतरण की शिकायत की थी। जिसके बाद चर्च की ओर से पुलिस को तमाम जानकारी मुहैया करा दी गई थी।

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चर्च पर धर्मांतरण का आरोप लगाने का यह पहला मामला नहीं है। बीते दिनों मध्य प्रदेश के विदिशा में कट्टर हिंदू संगठनों की भीड़ ने धर्मांतरण का आरोप लगा कर सेंट जोसेफ स्कूल पर हमला कर दिया था। वहीं कर्नाटक में भी बजरंग दल के कुछ कार्यकताओं ने ईसाई प्रार्थना सभा में घुसकर प्रार्थना रुकवा दी थी।