मोतिहारी। बिहार के पूर्वी चंपारण ज़िले में एक आरटीआई कार्यकर्ता को दिन दहाड़े गोली मार दी गई। गोली लगने से आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल ने दम तोड़ दिया। पुलिस आरटीआई कार्यकर्ता के हत्यारों की तलाश में जुटी हुई है। विपिन की हत्या के पीछे भू माफियों का हाथ बताया जा रहा है। विपिन कुछ ही रोज़ पहले भू माफियाओं से सुरक्षा पाने के लिए पुलिस के पास भी गए थे।  

शुक्रवार दोपहर को 45 वर्षीय विपिन अग्रवाल पूर्वी चंपारण के मोतिहारी स्थित हरसिद्धि ब्लॉक में मौजूद थे। विपिन ब्लॉक की गेट पर खड़े ही थे कि इतने में कुछ बाइक सवार गुंडों ने उनके ऊपर अंधाधुंध फायरिंग शुरु कर दी। फायरिंग की वजह से गोली विपिन के सीने को छेदते हुए पार कर गई। 

विपिन बुरी तरह ज़ख्मी होकर वहीं गिर गए। इस दौरान आरटीआई कार्यकर्ता पर गोली बरसाने वाले गुंडे मौके से फरार हो गए। घायल विपिन को तत्काल ही सदर अस्पताल ले जाया गया। लेकिन अस्पताल पहुँचते-पहुँचते उनकी मौत हो चुकी थी। डॉक्टरों ने भी उन्हें मृत घोषित कर दिया था। 

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पुलिस इस पूरे मामले में छानबीन कर रही है। यह आशंका ज़ाहिर की जा रही है कि विपिन की हत्या भू माफियाओं ने की है। विपिन ने हाल ही में भू माफियाओं से अपनी जान को खतरा बताया था। विपिन ने इस सिलसिले में पुलिस को अवगत भी कराया था। लेकिन विपिन को किसी प्रकार की सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई है। नागरिक अधिकार मंच के समन्वयक और वरिष्ठ आरटीआई कार्यकर्ता शिव प्रकाश राय ने अंग्रेज़ी के एक प्रमुख अखबार को बताया है कि विपिन ने इलाके के भू माफियाओं का पर्दाफाश करने के लिए कई आरटीआई दाखिल किए थे।