नई दिल्ली। विवादित कारोबारी गौतम अडाणी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के बाद से अडाणी समूह के शेयर औंधे मुंह रहे हैं। शुक्रवार दोपहर बाद शुरू हुई संसद की कार्रवाई के दौरान एकबार फिर से इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। हंगामे को देखते हुए दोनों सदनों की कार्यवाही 6 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

दरअसल, शुक्रवार को दोपहर दो बजे दोबारा लोक सभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके और जेडीयू सहित कई अन्य विपक्षी दलों के सांसद नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। विपक्षी सांसद अडानी समूह के मसले पर नारेबाजी करते हुए लगातार जेपीसी की मांग कर रहे थे। हंगामे और नारेबाजी के बीच पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने सभा पटल पर रखे जाने वाले आवश्यक कागजों को सदन में पेश करवाया। 

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इस बीच वो लगातार विपक्षी सांसदों से अपनी-अपनी सीट पर जाने और सदन चलने देने की भी अपील कर रहे थे। हालांकि, हंगामा और नारेबाजी जारी रहने पर उन्होंने लोक सभा की कार्यवाही को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया। वहीं राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर शुरू हुई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष से शांति बनाए रखने की अपील की। बाद में राज्यसभा की कार्यवाही भी 6 फरवरी को 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

दरअसल, विपक्ष अडाणी ग्रुप पर लग रहे आरोपों की जांच की मांग पर अड़ गया है। करीब 13 विपक्षी दलों ने जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) या सुप्रीम कोर्ट के नेतृत्व में कमेटी बनाने की मांग की है। हालांकि, सरकार ये कहते हुए जांच कमेटी गठित करने से इनकार कर रही है कि अडानी स्टॉक क्रैश और शेयर मार्केट से सरकार का कोई लेना देना नहीं है।

इस पूरे बवाल को लेकर रेटिंग एजेंसी मूडीज ने बयान कर कहा है कि अडाणी ग्रुप की नकदी की स्थिति का आकलन किया जाएगा। अभी उनके लिए फंड जुटाना मुश्किल होगा। वहीं, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा है- हम अडाणी ग्रुप की कंपनियों के कैश फ्लो पर नजर बनाए हुए हैं। अभी उनकी रेटिंग पर कोई तत्काल प्रभाव नहीं पड़ा है। हमारी नजर बनी हुई है। अडाणी ग्रुप की 8 कंपनियों को फिच रेटिंग मिली है।