नई दिल्ली। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा मामले की चार्जशीट में देश के जानेमाने राजनेताओं और एक्टिविस्टों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने अपने आरोप पत्र में कांग्रेस नेता व पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, सीपीआई-एमएल पोलित ब्यूरो की सदस्य कविता कृष्णन, माकपा नेता वृंदा करात, वैज्ञानिक व मशहूर शायर गौहर रजा समेत अन्य लोगों के नाम शामिल किए हैं।

पुलिस ने इन लोगों के नाम दिल्ली दंगों की चार्जशीट के उस हिस्से में शामिल किए गए हैं, जिसमें आरोपियों के बयानों का जिक्र है। चार्जशीट के मुताबिक इनके नाम दंगों के आरोपी पूर्व पार्षद इशरत जहां, खालिद सैफी और एक सुरक्षाप्राप्त गवाह के आधार पर शामिल किए गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रशांत भूषण और गौहर रजा का नाम खुरेजी में दिए गए भाषणों के संदर्भ में दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि वहां इन लोगों ने कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिए थे।

चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि सुरक्षा प्राप्त गवाह ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 161 के तहत रिकॉर्ड किए अपने बयान में कहा है कि सलमान खुर्शीद, वृंदा करात, उदित राज व अन्य कई नामचीन लोग खुरेजी स्थित प्रदर्शन स्थल पर आकर भड़काऊ भाषण देते थे जिसके कारण प्रदर्शन में बैठे सभी लोग केंद्र सरकार के खिलाफ गुस्से से भर जाते थे।

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इसके अलावा छात्र नेता कंवलप्रीत कौर का नाम आरोपी खालिद सैफी के बयान के आधार पर ट्वीट से भड़काऊ संदेश भेजने के आरोप में, दूसरे आरोपी शादाब अहमद के बयान पर कविता कृष्णन और उमर खालिद के पिता क्यूआर इल्यास का नाम शामिल किया गया है। 

बता दें दिल्ली पुलिस ने इनलोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की है। चूंकि आरोपियों के बयानों को अदालत में पेश नहीं किया जा है और इस विषय में पुलिस के पास इनके खिलाफ कोई सुबूत भी नहीं है। हालांकि मामले में इनपर तलवारें जरूर लटकी हुई हैं क्योंकि पुलिस धारा 120 बी के तहत इनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगा सकती है।