नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का तबादला कर दिया गया है। सत्यपाल मलिक अब मेघालय के राज्यपाल होंगे। इससे पहले मलिक गोवा के राज्यपाल का कार्यभार संभाल रहे थे। सत्यपाल मलिक मेघालय में तथागत रॉय की जगह लेंगे। तो वहीं महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को गोवा का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। बताया जा रहा है कि गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से मतभेद के कारण मलिक को अचानक हटाया गया है। 

सत्यपाल मलिक को मेघालय के राज्यपाल का कार्यभार सौंपे जाने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने चुटकी ली है। उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्विटर हैंडल पर मलिक पर सांकेतिक तंज कसते हुए लिखा है कि 'मेघालय कहां है?' 

दरअसल पिछले वर्ष जब कश्मीर में धारा 370 हटाई गई और कश्मीर के बड़े नेताओं को नजरबंद कर लिया गया, उस समय सत्यपाल मलिक ही जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे। केंद्र सरकार और राज्यपाल के इस रवैए के बाद से ही उमर अब्दुल्ला और सत्यपाल मलिक के बीच तनातनी अब तक जारी है।

आखिर क्यों हुआ तबादला ? 
मंगलवार को सत्यपाल मलिक को मेघालय का राज्यपाल बनाए जाने का एलान राष्ट्रपति भवन की प्रेस विज्ञप्ति में किया गया। सत्यपाल मलिक के अचानक गोवा से मेघालय तबादले पर सवाल उठ रहे हैं। मलिक को पिछले साल अक्टूबर महीने में जम्मू कश्मीर से गोवा बुला लिया गया था। लेकिन अचानक सत्यपाल मलिक को मेघालय रवाना किया जाना कई सवाल खड़े कर रहा है। 

मलिक के तबादले को लेकर खबरों के बाज़ार में दो थ्योरी चल रही हैं। पहली यह कि मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय अब वापस सक्रिय राजनीति में लौटना चाहते हैं, इसलिए उन्हें पद से मुक्त कर सत्यपाल मलिक को यह ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। 

लेकिन यही कारण दूसरे सवाल को जन्म दे देता है कि आखिर तथागत रॉय को जब सक्रिय राजनीति में आना ही है तो सवाल यह है उठता है कि आखिर सत्यपाल मलिक को ही क्यों मेघालय भेजा रहा है ? इसका जवाब है, गोवा के मुख्यमंत्री और राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बिगड़ते रिश्ते।

दरअसल कोरोना काल में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के ऊपर सत्यपाल मलिक ने सही से काम न करने का आरोप लगाया था। सत्यपाल मलिक ने इसके लिए प्रमोद सावंत को बैठक अपने साथ एक बैठक करने के लिए कहा था। लेकिन मुख्यमंत्री ने बाकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठक को बेकार बता दिया था। राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच अक्सर मतभेद उत्पन्न होते रहते हैं। लिहाज़ा मलिक को गोवा से मेघालय के लिए रवाना कर दिया गया है।