नई दिल्ली/लखनऊ। पिछले 28 महीनों से जेल में कैद रहने के बाद गुरुवार को पत्रकार सिद्दीकी कप्पन आखिरकार जेल से बाहर आ गए। क़रीब 28 महीने बाद उन्हें जेल से रिहा किया गया। जमानत पर रिहा होने के बाद कप्पन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके ख़िलाफ़ झूठे आरोप लगाए गए। 



कप्पन मूलतः केरल के रहने वाले हैं। अक्टूबर 2020 में हुए बहुचर्चित हाथरस रेप कांड को कवर करने के लिए कप्पन हाथरस की ओर जा रहे थे। इसी दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। उनके ख़िलाफ़ UAPA की धाराओं के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया था। लेकिन दो वर्षों से भी अधिक समय तक न्यायिक लड़ाई लड़ने के बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। 





जमानत पर रिहा होने के बाद पत्रकार कप्पन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "मैं 28 महीनों के बाद जेल से बाहर आया हूं। मैं मीडिया को समर्थन देने के लिए आभार व्यक्त करना चाहता हूं। मेरे ख़िलाफ़ झूठे आरोप लगाए गए। मैं अब बाहर आने पर खुश हूं। 





कप्पन की रिहाई के बाद पत्रकार आरफा ख़ानम शेरवानी ने के कहा है कि उन्हें एक मुसलमान होने की सज़ा दी गई। " दो साल बाद कप्पन आखिरकार यूपी की जेल से आज़ाद हुए हैं। उन्हें उस गुनाह के लिए कैद कर के रखा गया जो उन्होंने कभी किया ही नहीं। उनका गुनाह बस इतना था कि वह एक पत्रकार और एक मुस्लिम थे।"